आमों का निर्यात 50 हजार टन के पार निकलने की संभावना
APEDA के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में आम निर्यात 50,000 टन के पार पहुंच सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। चालू वित्त वर्ष के दौरान आमों का निर्यात 50 हजार टन के पार निकल सकता है। कृषि उपज निर्यात की नोडल एजेंसी एपीडा के अनुसार अच्छी मांग और बेहतर क्वालिटी के फलों की सप्लाई के चलते निर्यात पिछले साल से ज्यादा रहने की उम्मीद है। पिछले साल भारत से 45,730 टन आमों का निर्यात किया गया था। इन आंकड़ों में एपीडा में पंजीकृत निर्यातकों द्वारा विदेश को भेजी गई खेप शामिल हैं।
एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डवलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस महीने करीब 200 टन आमों का निर्यात किया जा चुका है। अगले कुछ हफ्तों में निर्यात और तेज हो जाएगा। अभी तक निर्यात हुए आमों में से 131 टन अमेरिका, 42 टन मध्य-पूर्व और 18 टन यूरोपीय संघ को भेजे गये। भारत से मुख्य रूप से बेगनपाली, अल्फांजो और केसर आम का निर्यात होता है। इन किस्मों के आम की पैदावार दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में होती है।
अधिकारी ने बताया कि इस समय आम की तुड़ाई काफी अच्छी चल रही है। क्वालिटी भी अच्छी है। बेमौसमी बारिश और आंधी-तूफान की भी कोई रिपोर्ट नहीं है। अगर मौसम आगे भी अनुकूल रहता है तो आमों का निर्यात हर हाल 50 हजार टन के पार निकल जाएगी। निर्यात बढ़ने की संभावना इस वजह से भी है कि कोरिया को भी आमों का निर्यात होने लगा है। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कोरिया को ज्यादा निर्यात होने की संभावना है। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में आमों की आवक शुरू हो चुकी है। जबकि उत्तर प्रदेश से उत्तरी राज्यों में आमों की आवक मध्य जून में शुरू होगी। सरकारी अनुमान के अनुसार इस साल देश में 192.1 लाख टन आम का उत्पादन हो सकता है। जबकि पिछले साल 186 लाख टन पैदावार रही थी।