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इंडियन ऑटोमेकर्स ने कहा प्रस्तावित टैक्स दरों से हाइब्रिड वाहनों को नुकसान

सरकार का कहना है कि हाइब्रिड वाहनों पर कर की प्रस्तावित दर से कंपनियों को नुकसान होगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 04:18 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 04:18 PM (IST)
इंडियन ऑटोमेकर्स ने कहा प्रस्तावित टैक्स दरों से हाइब्रिड वाहनों को नुकसान
इंडियन ऑटोमेकर्स ने कहा प्रस्तावित टैक्स दरों से हाइब्रिड वाहनों को नुकसान

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय वाहन कंपनियां इस हफ्ते सरकार से हाइब्रिड वाहनों पर प्रस्तावित बिक्री कर को कम करने का आग्रह करेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें डर है कि नियोजित दर से प्रौद्योगिकी का विकास करना अव्यावहारिक होगा। उद्योग के सूत्रों और अधिकारियों ने रॉयटर्स को यह बात बताई है।

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बीते हफ्ते, भारत ने बताया कि हाईब्रिड वाहनों पर 1 जुलाई से लागू होने वाली नई कर व्यवस्था के तहत 43 फीसद की उच्चतम दर पर कर देय होगा। यह इस तरह की कारों पर मौजूदा कर दरों जो कि 29 फीसद है से काफी ज्यादा होगा। भारत की ऑटो ट्रेड बॉडी, जिनके सदस्यों में मारुति सुजुकी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और टोयोटा मोटर कॉर्प जैसी कंपनियों के लोग शामिल हैं, प्रस्तावित दरों को कम करवाने का प्रयास करेंगे। यह जानकारी इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने दी है।

बिक्री के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आर.सी. भार्गव ने बताया अगर कर की दरों पर फिर से विचार नहीं किया गया तो यह अनिवार्य रूप से सभी हाइब्रिड कारों के लिए नुकसानदेह होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से हाइब्रिड कारें बाजार से गायब हो जाएंगी।

गौरतलब है कि हाइब्रिड वाहनों पर उच्च कर को ऐसे समय लगाया जाना प्रस्तावित किया गया है जब भारत एक नई ग्रीन कार पॉलिसी तैयार कर रहा है, जो कि हाइब्रिड और परंपरागत मॉडल की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करता है।


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