क्रूज पर्यटन का प्रमुख गंतव्य बनेगा भारत
क्रूज पर्यटन का प्रमुख गंतव्य बनने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने भारत में क्रूज पर्यटन के विस्तार के लिए कमर कस ली है। इसके लिए ग्लोबल कंसल्टेंट की मदद से एक कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें ‘अतुल्य भारत’ के तहत देश की छवि क्रूज पर्यटन के सशक्त ब्रांड के रूप में स्थापित की जाएगी। साथ ही इसे क्रूज पर्यटन के प्रमुख गंतव्य के तौर पर प्रचारित किया जाएगा। पिछले तीन दशकों में क्रूज पर्यटन विश्व में मेजबानी का सबसे सफल क्षेत्र साबित हुआ है।
क्रूज इंडस्ट्री न्यूज एन्युअल के मुताबिक 2016 में दुनिया में 310 क्रूज जहाजों में कुल 4,96,653 बर्थ उपलब्ध थीं। इनमें भारत की हिस्सेदारी मात्र एक फीसद है। भारतीय क्रूज पर्यटन मुख्य रूप से स्वदेशी पर्यटकों पर केंद्रित रहा है। जबकि विदेशी पर्यटक उपेक्षित रहे हैं।
भारतीय पोर्ट मुख्यत: क्रूजलाइंस के हाल्टिंग स्टेशन के रूप में कार्य करते हैं। वर्ष 2016-17 में पांच प्रमुख बंदरगाहों- मुंबई, कोचीन, गोवा, न्यू मंगलूर और चेन्नई पोर्ट पर क्रूजलाइंस के 158 दौरे हुए। इनमें 1.92 लाख यात्रियों की आवाजाही हुई। इससे पहले 2015-16 में 128 क्रूज दौरों में यात्रियों की संख्या 1.26 लाख थी। सरकार का अनुमान है कि 2031-32 तक भारत में क्रूज पर्यटकों की संख्या बढ़कर 15 लाख तथा 2042-43 तक 40 लाख हो सकती है।
कारोबार के अलावा क्रूज पर्यटन रोजगार की दृष्टि से भी काफी अहम है। प्रत्येक 3-4 क्रूज यात्रियों को पोर्ट पर संभालने के लिए एक प्रशिक्षित व्यक्ति की जरूरत होती है। इस तरह 2043 तक इस क्षेत्र में 15-20 लाख लोगों के लिए रोजगार की संभावना है। क्रूज यात्रा से पहले व बाद में क्रूज यात्री होटलों में ठहरते हैं। जहां प्रत्येक क्रूज यात्री औसतन 70-100 डॉलर रोजाना खर्च करता है। इस प्रकार 3000 यात्रियों की क्षमता वाला एक क्रूज शिप रोजाना हजारों डॉलर का कारोबार पैदा करता है। वर्ष 2016 में कोस्टा नियो क्लासिका शिप ने अपनी सात यात्राओं के लिए मुंबई पोर्ट को तीन महीने के लिए होम पोर्ट के तौर पर इस्तेमाल किया। इससे यहां के होटलों का व्यवसाय बढ़ गया था।
क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहले ही कई कदम उठा चुकी है। जबकि कई और कदम उठाए जाने का प्रस्ताव है। उठाए जा चुके कदमों में विदेशी पताका वाले जहाजों को बिना लाइसेंस के भारतीय बंदरगाहों पर रुकने की अनुमति, मानव संसाधन संबंधी समस्याओं के लिए पोर्ट स्तरीय समितियों का गठन, पोर्ट शुल्कों में 30 फीसद की छूट शामिल हैं। इसके अलावा होम पोर्ट क्रूज वेसेल को कोस्टल क्रूज की 40 फीसद छूट के अलावा 25 फीसद अतिरिक्त छूट, पांच प्रमुख बंदरगाहों में ई-वीजा की सहूलियत भी दी जाती है। इसके अलावा क्रूज यात्रियों को ई-लैडिंग कार्ड जारी करने का भी प्रस्ताव है। अन्य प्रस्तावों में क्रूज पर्यटन के मानकों के अलावा ग्राहकों पर केंद्रित दीर्घकालिक कारोबारी रणनीति तैयार करना, क्रूज इंफ्रास्ट्रक्चर व बेड़े का विस्तार, कस्टम व आव्रजन प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण शामिल है।
टूरिज्म बोर्ड क्रूज रणनीति के तहत प्रचार, प्रशिक्षण पर जोर देगा। पोर्ट अधिकारियों को क्रूज पर्यटन से जुड़े मामलों का शिक्षण व प्रशिक्षित प्रदान किया जाएगा। श्रीलंका, मालदीव तथा अरब देशों के साथ सहयोग के अलावा बर्थ आवंटन नीति विकसित की जाएगी। नए पोर्ट व गंतव्यों के विकास के साथ टैक्सी ड्राइवरों को राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी।