भारत दुनिया के सबसे बड़े आईपीओ का हिस्सा बनने को तैयार, सऊदी अरामको में कर सकता है निवेश
भारत की सरकारी रिफायनरी सऊदी अरामको में बेसिक इन्वेस्टर बन सकती हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत सरकार ने सोमवार को बताया कि उसकी सरकारी रिफायनरी सऊदी अरामको में बेसिक इन्वेस्टर बन सकती हैं। इसका शेयर अगले साल शेयर बाजार में दस्तक देने वाला है। गौरतलब है कि नई दिल्ली विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश में लगा है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया अरामको में हिस्सेदारी खरीदना, भारतीय रिफाइनर की ओर से सऊदी दिग्गज कंपनी के साथ एक रिफाइनिंग उद्यम स्थापित करने के लिए एक योजना का हिस्सा है। प्रधान ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया, “मुझे उम्मीद है कि अरामको बहुत लंबे समय के लिए एक आपूर्तिकर्ता होगा। हमने इस आइडिया पर इस साल ह्यूस्टन में सऊदी ऊर्जा मंत्री खालिद अल फलीह के साथ चर्चा की है।”
उन्होंने बताया कि तीन सरकारी रिफायनरी देश के पश्चिमी तट पर एक साल के भीतर 60 मिलियन टन की क्षमता के साथ एक नया रिफायनिंग कॉम्पलैक्स बनाने की योजना बना रही हैं और एक बड़े सप्लायर के साथ साझेदारी भागीदारी प्रस्ताव को और मजबूती देगी।
Aramco की अगले साल तक कई एक्सचेंजों पर अपने शेयरों का लगभग पांच फीसद हिस्सा सूचीबद्ध करने की योजना है और उसे शेयर लिस्टिंग के जरिए 100 अरब डॉलर तक की रकम मिलने की उम्मीद है। यह विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक की वैल्यू 2 खरब डॉलर तक बढ़ा सकता है।