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आयकर विभाग ने किया स्पष्ट, ढाई लाख रुपये तक की राशि पर नहीं होगी पूछताछ

आयकर विभाग ने किया स्पष्ट, जमा हुई छोटी राशि के संबंध में कोई पूछताछ नहीं की जाएगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 07 Feb 2017 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2017 03:56 PM (IST)
आयकर विभाग ने किया स्पष्ट, ढाई लाख रुपये तक की राशि पर नहीं होगी पूछताछ
आयकर विभाग ने किया स्पष्ट, ढाई लाख रुपये तक की राशि पर नहीं होगी पूछताछ

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में जमा हुई ढाई लाख रुपये तक की राशि पर आयकर विभाग की नजर नहीं है। विभाग ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि इस दौरान जमा हुई छोटी राशि के संबंध में कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। सिर्फ उन्हीं खातों की जांच की जाएगी जो खाताधारक के आयकर रिटर्न के साथ मेल नहीं खाते।

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आयकर विभाग ने आठ नवंबर के बाद बैंकों में जमा हुई धनराशि से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इसके आधार पर उन लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने पांच सौ और हजार के पुराने नोटों के रूप में मोटी राशि जमा की, मगर पिछले वर्ष में आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा का कहना है कि किसी भी ईमानदार व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि उन्हें बिल्कुल भी परेशान नहीं किया जाए। आयकर विभाग ने आठ नवंबर के बाद बैंकों में जमा हुई धनराशि के बारे में व्यापक तौर पर आंकड़े जुटा लिए हैं। अब इनका विश्लेषण किया जा रहा है। विभाग ने प्रत्येक खाते में दो लाख से 80 लाख रुपये के बीच या इस से अधिक राशि के बारे में आंकड़ों का विश्लेषण किया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि किसी भी खाते में जमा हुई ढाई लाख तक की राशि के बारे में पूछताछ नहीं होगी। इसलिए विभाग ने ये आंकड़े फिलहाल दूर रखे हैं। आयकर विभाग का फोकस उन बैंक खातों पर है, जिनमें से प्रत्येक में नोटबंदी के दौरान पांच लाख रुपये से अधिक राशि जमा हुई है।

चंद्रा के मुताबिक, अपनी बैलेंसशीट में 10 लाख रुपये नकदी दिखाने और नोटबंदी के दौरान पांच लाख तक के पुराने नोट जमा करने वाली कंपनियों से भी पूछताछ नहीं की जाएगी। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति की करयोग्य आय 10 लाख रुपये है और उसने तीन लाख के पुराने नोट जमा किए, तो उससे भी विभाग सवाल नहीं पूछेगा। अगर किसी ने पांच लाख रुपये पांच सौ और हजार के पुराने नोटों के रूप में जमा किए हैं, जबकि पिछले तीन साल में रिटर्न दाखिल नहीं किया तो उससे जरूर पूछताछ की जाएगी। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति ढाई लाख का आयकर रिटर्न दाखिल करता है और अलग-अलग बैंक खातों में 10 लाख रुपये के पुराने नोट जमा कर दिया है तो उससे भी हिसाब-किताब पूछा जाएगा।


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