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जीएसटी के क्रियान्वयन की समीक्षा, हसमुख अढिया समेत 20 विभागों के सचिवों ने शिरकत की

जीएसटी लागू होने के तीसरे दिन राजस्व सचिव हसमुख अढिया तथा सीबीईसी के आला अफसरों ने शिरकत की

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 04 Jul 2017 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jul 2017 04:48 PM (IST)
जीएसटी के क्रियान्वयन की समीक्षा, हसमुख अढिया समेत 20 विभागों के सचिवों ने शिरकत की
जीएसटी के क्रियान्वयन की समीक्षा, हसमुख अढिया समेत 20 विभागों के सचिवों ने शिरकत की

नई दिल्ली (जेएनएन)। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने विभिन्न विभागों के सचिवों से कहा है कि वे जीएसटी के क्रियान्वयन पर अपना अनुभव सरकार से साझा करें। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के तीसरे दिन कैबिनेट सचिव ने इसके क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। इसमें राजस्व सचिव हसमुख अढिया तथा केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के आला अफसरों के अलावा लगभग 20 विभागों के सचिवों ने शिरकत की।

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इससे पहले 20 जून को सिन्हा ने जीएसटी की तैयारियों को लेकर बैठक की थी। इसमें 30 मंत्रलयों तथा विभागों के आला अधिकारियों ने भाग लिया था। सरकार ने एक जुलाई से देश भर में जीएसटी लागू कर दिया है। रविवार को वित्त मंत्रलय ने कहा था कि इसके लागू हुए दो रोज हो गए हैं और कहीं से कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई है। 1राजस्व विभाग को सड़क किनारे के ढाबों, रेस्त्रं तथा किराने की दुकानों से उत्साहवर्धक सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। ये सभी जीएसटी की नई कर प्रणाली को अपनाने और उसके साथ तालमेल बिठाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। आजादी के बाद के इस सबसे बड़े टैक्स सुधार के तहत 17 प्रकार के करों को मिलाकर जीएसटी में समाहित कर दिया गया है। इसी के साथ ही एकल बाजार के रूप में पूरे भारत में वस्तुओं की बेरोकटोक आवाजाही के नए युग का सूत्रपात हो चुका है।

निर्यातकों के आईजीएसटी भुगतान से मिली राहत
सरकार ने निर्यातकों को हो रही दिक्कतों के मद्देनजर उन्हें एकीकृत जीएसटी (आइजीएसटी) के भुगतान के मामले में राहत दे दी है। जीएसटी प्रणाली में निर्यात प्रक्रिया पर जारी कस्टम सकरुलर के मुताबिक निर्यातक निर्यात करते समय आइजीएसटी का भुगतान करने की जगह पर बांड या लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (वचन पत्र) प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्यात के लिए वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति को ‘जीरो रेटेड सप्लाई’ की कैटेगरी में रखा गया है। इसका मतलब है कि वस्तुओं को बांड या वचन पत्र के तहत आइजीएसटी अदा किए बगैर निर्यात किया जा सकता है। यही नहीं, आइजीएसटी रिफंड हासिल करने के लिए निर्यातक को कोई आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। वजह यह है कि नई व्यवस्था में आइजीएसटी इनवॉयस ब्योरे वाले शिपिंग बिल को ही अदा किए गएटैक्स के रिफंड के लिए आवेदन मान लिया जाएगा।

सिगरेट और तंबाकू पर लगा अतिरिक्त उत्पाद शुल्क हटा
वित्त मंत्रलय ने जीएसटी लागू होने के साथ ही पहली जुलाई से तंबाकू, पान मसाले और सिगरेट पर लगे अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को हटा लिया है। साथ ही मंत्रलय ने 27 फरवरी, 2010 को जारी सेंट्रल एक्साइज की अधिसूचना भी रद कर दी है। इसके तहत ही तंबाकू पर यह अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था। जीएसटी संविधान (संशोधन) कानून केंद्र को तंबाकू व इससे बनने वाले उत्पादों के अलावा कच्चे तेल, डीजल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी लगाने का अधिकार दिया गया है। जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज की उक्त अधिसूचना इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अनुकूल नहीं रह गई थी।


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