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GST लागू होने के बाद व्यापारियों को एक महीने में भरना होगा एक रिटर्न: हसमुख अढिया

हसमुख अढिया ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद नई कर प्रणाली आसान होगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 10:27 AM (IST)
GST लागू होने के बाद व्यापारियों को एक महीने में भरना होगा एक रिटर्न: हसमुख अढिया
GST लागू होने के बाद व्यापारियों को एक महीने में भरना होगा एक रिटर्न: हसमुख अढिया

नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अमल में आने से पहले सरकार इसको लेकर फैली आशंकाओं को दूर करने में जुट गई है। बुधवार को इस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने इसी कड़ी में कहा कि व्यापारियों को हर माह सिर्फ एक जीएसटी रिटर्न भरना होगा। यह मौजूदा व्यवस्था के समान ही होगा। नई कर प्रणाली न तो जटिल होगी और न ही इसका अनुपालन बेहद मुश्किल होगा।

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राजस्व सचिव ने एक साक्षात्कार में कहा कि ऐसी धारणा है कि असेसी को हर माह तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे, जबकि यह पूरी तरह से गलत है। खुदरा व्यापारियों (बी2सी डीलरों) को हर महीने इनवॉयस के हिसाब से ब्योरा देने की जरूरत नहीं है। अस्सी फीसद व्यवसायियों को रिटर्न में बस कुल कारोबार का ब्योरा देना होगा, क्योंकि वे सभी बी2सी डीलर या रिटेलर हैं। जीएसटी रिटर्न दाखिल करना बेहद आसान होगा। लोगों को रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। यह बहुत पारदर्शी प्रक्रिया है। यह काम पूरी तरह मशीन आधारित है।

रिटर्न दाखिल करना बेहद आसान
उन्होंने रिटर्न भरने की प्रक्रिया को समझाते हुए कहा कि जब कोई सप्लायर अपनी सेल इनवॉयसों का ब्योरा अपलोड करता है, तो अगले माह की 10 तारीख तक जीएसटी रिटर्न-1 जनरेट होता है। जीएसटीआर-1 के विवरण खरीदार के जीएसटी रिटर्न-2 में स्वत: अपडेट हो जाते हैं। जीएसटीआर-2 को अगले माह की 15 तारीख तक दाखिल किया जाना है। यह काम भी कंप्यूटर के कुछ क्लिक से हो जाएगा। जीएसटीआर-2 में रिटर्न को पूरी तरह भरने की जरूरत नहीं होती। वास्तव में किसी को भी इसे नहीं भरना है। यह उनके अपने खाते में कंप्यूटर पर दिखाई देगा। उन्हें इसकी सिर्फ पुष्टि करनी है। अगर खरीद में से कोई लेनदेन गायब है, जिसे कंप्यूटर इसलिए नहीं दिखा रहा है, क्योंकि जिससे आपने कोई चीज खरीदी है वह इसे दर्ज करना भूल गया है। ऐसी सूरत में आपके पास इस लेनदेन को जोड़ने का अधिकार होगा।

केवल कारोबार आधारित ब्योरा देना होगा
इसलिए खुदरा व्यापारी और बी2सी सप्लायर को रिटर्न दाखिला प्रक्रिया को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें केवल कारोबार आधारित ब्योरा देना है। केवल बी2बी डीलरों को जीएसटीआर-1 और 2 दोनों को दाखिल करना है। रिटेलर को जीएसटीआर-2 नहीं भरना है, क्योंकि उन्हें केवल उससे मिलान करना है जो डीलर ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पर अपलोड किया है। जीएसटीएन बी2बी डीलरों (कारोबारी से कारोबारी के बीच लेनदेन करने वाले) के लिए एक्सेल शीट फॉर्मेट लांच करेगा। इसमें ही उन्हें इनवॉयस नंबर, खरीदार के जीएसटीएन, बेची गई वस्तु या सेवा, इसकी कीमत, लगने वाला कर और अदा किए गए टैक्स जैसे ब्योरे भरने होंगे।

इनवॉयस के ब्योरे का करना होगा मिलान
महीने की 17 तारीख तक सप्लायर और सामान पाने वाले दोनों को ही इनवॉयस ब्योरे का तालमेल बैठाना होगा। इसके बाद महीने की 20 तारीख तक तीसरा रिटर्न (जीएसटीआर-3) दाखिल करना होगा। यह तीसरा रिटर्न जीएसटीआर-1 और 2 का कंप्यूटर जनित कॉम्बिनेशन है। यह कुल आउटपुट टैक्स लायबिलिटी व इनपुट टैक्स क्रेडिट का सारांश प्रदान करता है। साथ ही इन दोनों के बीच का अंतर ही महीने के लिए कर देनदारी होगी।

कंपनियों की मदद को नया वेबपेज लांच
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आइटी मंत्रलय ने जीएसटी अपनाने में आइटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की कंपनियों की मदद के लिए एक समर्पित वेबपेज लांच किया है। यह वेबपेज इन कंपनियों को जीएसटी अपनाने में आ रही समस्याओं का समाधान करने में मदद करेगा। इसके अलावा यह कंपनियों को जीएसटी अपनाने में आ रही दिक्कतों के संबंध में शिकायत दर्ज कराने की भी सुविधा देगा।


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