जीएसटी की अनिश्चितता से वित्त वर्ष 2017 के बजट पर पड़ रहा सीधा असर
इस बार के बजट में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क को न छुआ जाए क्योंकि ये दोनों ही शुल्क जीएसटी के कई स्तरीय कर ढांचे के अंतर्गत आएंगे
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर के लागू होने का समय अभी निश्चित नहीं है ऐसे में जीएसटी की तारीख पर अनिश्चितता ने उन वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के सामने एक दुविधा खड़ी कर दी है जो इस समय आम बजट को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस बार के बजट में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क को न छुआ जाए क्योंकि ये दोनों ही शुल्क जीएसटी के कई स्तरीय कर ढांचे के अंतर्गत आएंगे। इस कानून को 1 अप्रैल 2017 से ही अमल में लाया जाना है। लेकिन जीएसटी कानून को 1 अप्रैल को पेश होने की उम्मीद के साथ सरकार पशोपेश में भी है। उसे यह जल्द निर्णय लेना होगा कि या तो वो बजट में अप्रत्यक्ष करों में बदलाव करे जिससे की जीएसटी की पृष्ठभूमि तैयार होगी या फिर वो इसे नए कानून के आने तक इसे जस का तस छोड़ दे।
अंतिम निर्णय राजस्व अनुमानों पर असर डाल सकता है। साथ ही यह वस्तु एवं सेवाओं के साथ-साथ संग्रह अनुमान को भी प्रभावित कर सकता है। संसद की ओर से पारित जीएसटी संविधान संशोधन के अनुसार वर्तमान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था 17 सितंबर तक कालातीत हो जाएगी।