अनुमान से कम रहा राज्यों का जीएसटी राजस्व
आने वाले महीनों में जीएसटी से उम्मीद के मुताबिक राजस्व जुटाना चुनौतीपूर्ण होगा
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। जीएसटी काउंसिल ने लोकलुभावन कदम उठाते हुए 215 वस्तुओं पर जीएसटी घटाने का फैसला किया है लेकिन हकीकत यह है कि शुरुआती तीन महीने गुजरने के बाद राज्य जीएसटी से अनुमानित राजस्व का आंकड़ा छू नहीं पा रहे हैं। पंजाब, बिहार, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सहित 17 राज्यों में अनुमानित राशि के मुकाबले जीएसटी संग्रह 25 से 59 फीसद तक कम रहा है। हाल यह है कि केंद्र शासित क्षेत्र दिल्ली को छोड़ दें तो एक भी ऐसा राज्य नहीं है जहां अक्टूबर में जीएसटी संग्रह अनुमानित राशि के बराबर रहा हो।
जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के राजस्व संग्रह की यह चिंताजनक तस्वीर जीएसटी काउंसिल की 10 नवंबर को गुवाहाटी में हुई बैठक में चर्चा के दौरान सामने आई है। काउंसिल ने एक जुलाई 2017 से देश में जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती तीन महीनों में राज्यवार जीएसटी संग्रह के ट्रेंड पर गहन मंथन किया। सूत्रों के मुताबिक राज्यों का हर माह जितना प्रोटेक्टेड राजस्व अर्जित किया जाना है उसके मुकाबले अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 7560 करोड़ रुपये कम रहा। संतोष की बात यह है कि अनुमानित राशि और वास्तविक संग्रह के बीच यह अंतर धीरे-धीरे कम हो रहा है। मसलन, अगस्त में राज्यों को अनुमानित राशि के मुकाबले जीएसटी से 12,208 करोड़ रुपये कम राजस्व प्राप्त हुआ था। सूत्रों का कहना है कि राज्यों में अगर जीएसटी से राजस्व संग्रह कम रहता है तो उसकी भरपाई जीएसटी के क्षतिपूर्ति फंड से की जा सकती है लेकिन अगर यह टेंड आगे बना रहता है तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
सूत्रों ने कहा कि गुवाहाटी में हुई बैठक में जीएसटी की दरों में जो कटौती की गयी है उससे खजाने पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में जीएसटी से उम्मीद के मुताबिक राजस्व जुटाना चुनौतीपूर्ण होगा।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी से सितंबर में 93141 करोड़ रुपये तथा अक्टूबर में 95,131 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह हुआ है। जिसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से सितंबर में 7848 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा 8013 करोड़ रुपये रहा।
सूत्रों ने कहा कि 17 राज्य ऐसे हैं जहां अक्टूबर में जीएसटी संग्रह अनुमानित राशि के मुकाबले 25 से 59 फीसदी कम रहा है। इन राज्यों में पुडुचेरी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा, जम्मू कश्मीर, मेघालय, पंजाब, नगालैंड, झारखंड, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, मध्य प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं।
वहीं नौ राज्य ऐसे हैं जहां जीएसटी संग्रह में कमी दो प्रतिशत से लेकर 17 प्रतिशत तक रही है। सिर्फ दिल्ली में ही जीएसटी संग्रह अनुमानित राशि के मुकाबले अधिक रही है।
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