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GST काउंसिल: महंगे होटल और प्राइवेट लॉटरी पर लगेगा 28% टैक्स

जीएसटी काउंसिल की 17वीं बैठक में कुछ अहम बिलों को मंजूरी दी गई है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 18 Jun 2017 12:09 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2017 05:37 PM (IST)
GST काउंसिल: महंगे होटल और प्राइवेट लॉटरी पर लगेगा 28% टैक्स
GST काउंसिल: महंगे होटल और प्राइवेट लॉटरी पर लगेगा 28% टैक्स

नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की 17वीं बैठक में मुनाफाखोरी को रोकने के लिए एंटी प्रॉफिटियरिंग समेत कई अहम नियमों को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि ई-वे बिल के तैयार न होने के कारण इस पर फैसला नहीं हो पाया है। वहीं जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 30 जून को होगी। गौरतलब है कि इससे पहले हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन किया गया था।

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5 नियमों को दी गई मंजूरी: जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में 5 प्रमुख नियमों को मंजूरी दी गई है। इनमें एडवांस रूलिंग, अपील एंड रिवीजन, एसेसमेंट, एंटी प्रॉफिटियरिंग और फंड सेटलमेंट प्रमुख रहे।

लॉटरी पर तय की गईं टैक्स रेट: जीएसटी काउंसिल ने सरकारी और प्राइवेट लॉटरी पर टैक्स की अलग अलग दरें तय की हैं। स्टेट रन यानी सरकारी लॉटरी पर 12 फीसद और सरकार की ओर से अधिकृत प्राइवेट लॉटरी पर 28 फीसद की दर से टैक्स लगेगा।

अब सितंबर से हर महीने दाखिल करना होगा रिटर्न: जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न दाखिल करने वालों को थोड़ी राहत दी है। जीएसटी की तैयारियों को लेकर समय मांगने वालों को हर महीने रिटर्न दाखिल करने के लिए शुरुआत के दो महीनों में छूट देने का फैसला किया गया है। यानी अब सितंबर से हर महीने रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा।

ई-वे बिल पर नहीं बनी बात: जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल की तैयारियों को देखते हुए इस पर कोई फैसला नहीं किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि ई-वे बिल पर अभी तैयारियां पूरी नहीं है इसमें अभी 4 से 5 महीने का वक्त लगेगा।

महंगे होटल रुम पर ऊंची दर से टैक्स: जीएसटी काउंसिल ने महंगे होटल में ऊंची दर से टैक्स लगाने का फैसला किया है। यानी 7,500 रुपए से ज्यादा किराए वाले होटलों में 28 फीसद टैक्स लगेगा। वहीं 2,500 रुपए से लेकर 7,500 रुपए किराए वाले होटलों में 18 फीसद की दर से टैक्स लगाया जाएगा।

वहीं इसी बीच उद्योग संगठन एसोचैम ने होमवर्क पूरा न होने का हवाला देते हुए इसे टालने का अनुरोध किया है।

एसोचैम ने क्या कहा:

एसोचैम ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर जीएसटी के क्रियान्वयन को टालने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में एसोचैम ने लिखा है कि आईटी नेटवर्क के तैयार न होने की वजह से करदाताओं को जीएसटी से जुड़ने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उद्योग संगठन के मुताबिक देश में मौजूदा कर व्यवस्था से जुड़े बहुत से लोग अभी तक आईटी टूल्स और पंजीकरण प्रक्रिया से अनजान होने की वजह से जीएसटी नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए हैं। इसके अलावा उद्योग संगठन ने कहा है कि पंजीकरण प्रक्रिया के पहले चरण में करदाताओं के जीएसटी नेटवर्क से जुड़ने के दौरान सिस्टम-सर्वर लगातार मरम्मत से गुजरता रहा।

16वीं बैठक में क्या कुछ हुआ:

जीएसटी काउंसिल की 16वीं बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को बड़ी राहत ही है। उन्होंने ट्रैक्टर कंपोनेंट्स की टैक्स रेट को 28 फीसद के बजाए घटाकर 18 फीसद कर दिया है। वहीं काजू पर भी टैक्स रेट को कम किया गया है और सिनेमा की सस्ती टिकिटों पर भी टैक्स रेट को कम कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि काउंसिल की अगली मीटिंग अब अगले रविवार यानी 18 जून को होगी।

काउंसिल ने दी किसानों को राहत:

खासतौर पर किसानों को राहत देते हुए काउंसिल ने ट्रैक्टर कंपोनेंट्स को 28 फीसद के स्लैब से हटाकर 18 फीसद करने का फैसला लिया है। अरुण जेटली ने बताया कि कंप्यूटर प्रिंटर पर 28 फीसद टैक्स की बजाय 18 फीसद लगाने का फैसला लिया है। वहीं काजू पर टैक्स को भी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसद करने का फैसला लिया गया है।

सिनेमा देखना होगा सस्ता:

जेटली ने कहा कि सिनेमा के 100 रुपये से कम के टिकट पर 28 की बजाए 18 फीसद टैक्स का फैसला लिया गया है। वहीं, इससे अधिक के सिनेमा टिकटों पर 28 फीसद टैक्स की दर बनी रहेगी। इसके अलावा टेलिकॉम सेक्टर पर 18 फीसद टैक्स बरकरार रखने का फैसला लिया गया है।

स्कूल बैग पर कम हुआ टैक्स का बोझ:

जीएसटी ने इंसुलिन पर प्रस्तावित कर को भी 12 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है। स्कूल बैग पर प्रस्तावित कर को भी 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद कर दिया गया है। वहीं अगरबत्ती पर भी टैक्स की दर को 12 से घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है।

यह भी पढ़ें: एसोचैम ने की सरकार से मांग, कहा जीएसटी को फिलहाल टाला जाए


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