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GST काउंसिल ने सभी 9 नियमों को दी मंजूरी, जानिए क्या हैं ये नियम

श्रीनगर में जीएसटी को लेकर अहम बैठक में 9 निमयों को मंजूरी मिल गई है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 04:12 PM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 07:26 PM (IST)
GST काउंसिल ने सभी 9 नियमों को दी मंजूरी, जानिए क्या हैं ये नियम
GST काउंसिल ने सभी 9 नियमों को दी मंजूरी, जानिए क्या हैं ये नियम

नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी): श्रीनगर में प्रस्तावित जीएसटी काउंसिल की 14वीं बैठक में गुरुवार को वस्तुओं एवं सेवाओं पर लगने वाली कर की दरों का निर्धारण कर दिया गया। यह बैठक 18 और 19 मई दो दिन तक चलेगी। इस बैठक में काउंसिल ने जीएसटी से जुड़े 9 अहम नियमों को भी मंजूरी दे दी है। हमने इस बारे में ई-मुंशी (emunshe. com) के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता से बात कर इसे समझने की कोशिश की है।

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जीएसटी से जुड़े किन 9 नियमों को दी गई मंजूरी:

रजिस्ट्रेशन (Registration): इसके अंतर्गत यह शामिल होगा कि कंपनियां और व्यापारी रजिस्ट्रेशन कैसे करा सकते हैं और उसका तरीका क्या होगा।

रिटर्न (Returns): रिटर्न में यह बताया जाएगा कि इसके लिए कौन कौन क्लेम कर सकता है और इसे कितनी बार फाइल कराया जा सकता है, इसका फॉर्म कैसा होगा और फॉर्म का कंटेंट कैसा होगा इत्यादि।

रिफंड (Refund): इसमें यह बताया जाएगा कि इसके लिए किस सूरत में अनुमति दी जा सकती है। यह कितने टाइम में मिलेगा और इसकी क्या प्रक्रिया है।

कंपोजीशन (Composition): कंपोजीशन में यह बताया जाएगा कि रजिस्ट्रेशन का तरीका क्या होगा। इसे कौन कौन लोग कर सकते हैं और कैसे।

ट्रांजिशन (Transition): इसमें यह बताया जाएगा कि अगर आप किसी वस्तु एवं सेवा को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाते हैं तो उसके लिए क्या प्रावधान होंगे।

इनवॉइस (Invoice): यह एक तरह का बिल ही होता है। इसमें यह बताया जाएगा कि यह किस तरह का होगा और कितने तरीके का।

पेमेंट (Payment): इसमें यह उल्लेख होगा कि यह कब तक किया जा सकता है, किस किस दिन किया जा सकता है और अगर किसी सूरत में टैक्स का पेमेंट नहीं किया तो फिर आगे क्या प्रावधान अपनाए जाएंगे।

वैल्युएशन (Valuation): इसमें यह तय किया गया है कि किसी डील के दौरान वस्तु एवं सेवा की कीमत कितनी होनी चाहिए जिस पर टैक्स लगाया जाएगा।

इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input tax credits): इस नियम में यह बताया गया है कि जो लोग टैक्स का भुगतान कर चुके हैं वो इसका क्रेडिट कैसे ले सकते हैं। 


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