सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नियुक्ति में अब नहीं होगी पैरवी: सरकार
केंद्र सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में शीर्ष अधिकारियों की नियुक्तियों में दूरगामी बदलावों की शुरुआत की है
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक बैंकों में शीर्ष पदों पर नियुक्ति के लिए कुछ पहल की हैं जिनमें लाबिंग की प्रक्रिया को बंद करना, वरीयता व प्रदर्शन के आधार पर चयन तथा निजी क्षेत्र को शामिल करते हुए ‘रोजगार पूल’ को बढ़ाना शामिल है। कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पेश एक पुस्तिका में यह जानकारी दी है। इसके अनुसार भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों के सामने मौजूद दो बड़े मुद्दों में उच्च गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) तथा अपर्याप्त प्रणालीगत सुरक्षा उपाय शामिल हैं। इसके अनुसार केंद्र सरकार ने शीर्ष अधिकारियों की नियुक्तियों में दूरगामी बदलावों की शुरुआत की है ताकि राष्ट्रीयकृत बैंकों के समक्ष मौजूद अधिकतर दिक्कतों को सुलझाया जा सके।
इस रिपोर्ट में एक अध्ययन ‘बैंकों में सुधार: नेतृत्व के जरिए निष्पादन’ भी है। इसमें कहा गया है कि अब वहां किसी तरह की लाबिंग नहीं होती। इसमें कहा गया है कि सुधारों में चयन के लिए स्वतंत्र पेशेवर निकाय, निजी क्षेत्र को शामिल करते हुए पूल का विस्तार तथा उद्देश्यपूर्ण व पारदर्शी चयन शामिल है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उन लीडर्स की जरूरत है, जैसे कि चेयरमैन, प्रबंध निदेशक, और बोर्ड सदस्यों, जो न केवल कंपनी की इमेज को साफ सुथरा कर सकते हैं बल्कि पारदर्शी प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि व्यापार निर्णयों को केवल योग्यता पर लिया जाता है। ताकि इन बैंकों को उस दुनिया में लाभदायक बनाया जा सकें, जहां निजी क्षेत्रों के बीच प्रतियोगिता तेजी से बाजार हिस्सेदारी को कम कर रही है।