जीएसटी के लिए पेश होंगे पांच विधेयक, संसद के मौजूदा सत्र में ही सरकार लाएगी से सभी बिल
केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी पांच विधेयक पेश करेगी।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। सरकार जल्द ही संसद के मौजूदा सत्र में ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी पांच विधेयक पेश करेगी। इन विधेयकों के पारित होने पर एक जुलाई, 2017 से देश में जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में वित्त विधेयक 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पैन के लिए ‘आधार’ नंबर अनिवार्य बनाने का कदम सरकार ने कर चोरी रोकने के इरादे से उठाया है। यह भी साफ कर दिया कि कृषि से आमदनी पर कोई आयकर नहीं लगाया गया है और न ही केंद्र को यह टैक्स लगाने का अधिकार है।
लोकसभा ने कांग्रेस, बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के वाकआउट के बाद ध्वनिमत से वित्त विधेयक 2017 को पारित किया। सरकार ने इस विधेयक में 40 आधिकारिक संशोधन किए हैं। इनमें से पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) लेने और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नंबर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान शामिल है।
जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अब तक 12 बैठकें हो चुकीं हैं। काउंसिल ने सभी निर्णय सर्वसम्मति से किए हैं। पांच विधेयकों के मसौदों को काउंसिल ने मंजूरी दी है। इनमें से एक विधेयक राय विधानसभाओं से पारित होना है, जबकि चार संसद से पास होंगे। इसके अलावा सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क कानून में संशोधन के लिए भी एक विधेयक संसद में पेश करेगी। इस बिल की जरूरत इसलिए है क्योंकि जीएसटी लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क समाप्त हो जाएगा। इसलिए उत्पाद व सीमा शुल्क कानून में संशोधन जरूरी है। कैबिनेट ने देर शाम इस विधेयक को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट ने सोमवार को ही जीएसटी के लिए जरूरी चार विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी है। इनमें केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी विधेयक) विधेयक, संघ शासित क्षेत्र वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (रायों को क्षतिपूर्ति) विधेयक 2017 का मसौदा शामिल है। एक अन्य विधेयक राय जीएसटी (एसजीएसटी) को रायों की विधानसभाओं से मंजूरी दी जानी है।
बीजू जनता दल के बी माहताब ने जब पैन के लिए आधार नंबर अनिवार्य बनाने संबंधी संशोधन पर सवाल उठाया तो जेटली ने कहा कि कई लोगों ने पांच-पांच पैन ले रखे हैं। बहुत से लोग कर चोरी करने को ऐसे तरीके अपनाते हैं। सरकार टैक्स चोरी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। आज 108 करोड़ लोगों के पास आधार नंबर है। इसकी तकनीकी से टैक्स फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी।
नकदी लेनदेन सीमा को सही ठहराया
वित्त मंत्री ने नकद लेनदेन की सीमा तीन लाख रुपये से घटाकर दो लाख रुपये करने संबंधी संशोधन प्रस्ताव को सही ठहराया। जेटली ने कहा कि इससे काले धन के सृजन पर अंकुश लगेगा। उन्होंने राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए प्रस्तावित चुनावी बांड स्कीम के संबंध में पार्टियों से सुझाव देने का आग्रह भी किया। नोटबंदी पर विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में तय संशोधित अनुमानों के अनुरूप 17 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व एकत्र करेगी।
जीएसटी से सस्ती होंगी वस्तुएं
पहली जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद चीजों की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को हुई कॉमनवेल्थ ऑडिटर जनरल कांफ्रेंस में यह उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि जीएसटी की नई व्यवस्था में वस्तुएं और सेवाएं बेहद आसानी से ट्रांसफर हो सकेंगी। साथ सशक्त सूचना तकनीकी आधार के चलते कर चोरी बेहद मुश्किल हो जाएगी।