मनरेगा, कौशल विकास जैसी योजनाओं से ग्रामीण विकास के लिए सरकार ने खोला पिटारा
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचे और ग्रामीणों के विकास पर खासा जोर दिया
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीण इलाकों के बुनियादी ढांचे और ग्रामीणों के विकास पर खासा जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए इस बार कुल एक लाख 87 हजार 223 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा, जो बीते साल के मुकाबले 24 फीसद अधिक है।
प्रावधान- जेटली ने बताया कि मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में इस बार काफी कार्य कराए जाएंगे। इसलिए मनरेगा का बजट भी बढ़ाकर 48 हजार करोड़ कर दिया गया।
असर- सरकार ने इस साल मनरेगा के तहत पांच लाख तालाब खोदने का लक्ष्य रखा है। बीते वर्ष में इसी लक्ष्य को सरकार ने सफलतापूर्वक पूरा किया है। ज्यादा लोगों को रोजगार के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र का बेहतर विकास हो सकेगा।
प्रावधान- ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योणदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटनों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।
असर- इसके जरिये सरकार की मंशा है कि एक करोड़ गरीब परिवारों को इस बार गरीबी रेखा से बाहर किया जा सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और क्रेडिट सहायता योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर तीन गुना से अधिक कर दिया है।
प्रावधान- दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए 4818 करोड़ का बजट तय किया गया है।
असर- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सुधारने के लिए भी सरकार व्यापक काम कर रही है। जिससे एक मई 2018 तक सभी गांवों में उजियारा किया जा सकेगा।
प्रावधान- पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 19000 करोड़ बजट का प्रस्ताव रखा गया है।
असर- ग्रामीण इलाकों में सड़कों का विस्तार किया जा सकेगा। सारे गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए सरकार की पहल में यह अहम भूमिका निभाएगा। वर्तमान में सड़क के निर्माण की गति 133 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन हो गई, जबकि 2011-14 अवधि के दौरान इसका औसत 73 किलोमीटर प्रतिदिन था।
प्रावधान- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए बजट अनुमान 2016-17 में किए गए 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन को बढ़ाकर 2017-18 में 23,000 करोड़ रुपए कर दिया है।
असर- बेघर लोगों और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों के लिए 2019 तक एक करोड़ मकानों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।