एफपीआई ने जनवरी में भारतीय बाजार से खींचे 5100 करोड़ रुपए, घटता ग्रोथ अनुमान बिकवाली की प्रमुख वजह
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) ने भारत के पूजी बाजार से जनवरी महीने में 5,100 करोड़ रुपए खींचे हैं।
नई दिल्ली: अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत के आर्थिक विकास की कम संभावनाओं (कम वृद्धि दर अनुमान) के चलते विदेशी निवेशकों (फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स-एफपीआई) ने भारत के पूजी बाजार से जनवरी महीने में 5,100 करोड़ रुपए खींच लिए। बीते तीन महीने में एफपीआई ने इक्विटी और डेट से कुल 77,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। इसके पहले, एफपीआई ने कैपिटल मार्केट में 20,000 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किया था।
बजाज कैपिटल ग्रुप के सीईओ और डायरेक्टर अनिल चोपड़ा ने बताया, “घरेलू मार्केट की रफ्तार धीमी रहने की संभावना के मद्देनजर इस महीने एफपीआई ने स्टॉक्स मार्केट से पैसे निकाले हैं। नोटबंदी के निर्णय को सभी इकॉनोमिक एक्सपर्ट्स ने सराहा था कि लॉन्ग टर्म में इसका फायदा देखने को मिलेगा। निकट भविष्य में ग्राहकों के हाथ में कैश की किल्लत के कारण ग्रोथ की रफ्तार पर असर पड़ेगा और ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट पर इसका सबसे ज्यादा असर होगा।”
विदेशी निवेशकों की ओर से इस महीने (20 जनवरी तक) इक्वटी से की गई कुल निकासी 3,255 करोड़ रुपए रही है, जबकि उन्होंने करीब 1,890 करोड़ रुपए की निकासी डेट मार्केट से की है। इस हिसाब से ये दोनों डेटा मिलाने पर विदेश निवेशकों की ओर से की गई कुल निकासी 5,145 करोड़ रुपए बैठती है।