GAAR 1 अप्रैल 2017 से ही लागू होगा, सीबीडीटी ने जारी किया स्पष्टीकरण
कर चोरी और कालेधन को को रोकने के लिए लाया जा रहा नया नियम GAAR 1 अप्रैल 2017 से ही लागू होगा।
नई दिल्ली: जनरल एंटी अवॉयडेंस रूल्स (GAAR) 1 अप्रैल 2017 से ही लागू होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को जीएएआर के प्रावधानों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। माना जाता है कि कंपनियां कर बचाने के लिए काफी सारे शार्टकट अपनाती हैं और सरकार इसी तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जीएएआर को लागू करने जा रही है।
क्या कहा सीबीडीटी ने:
सीबीडीटी ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि आंकलन वर्ष 2018-19 से ही गार प्रभावी होगा इसलिए यह वित्त वर्ष 2017-18 से ही लागू किया जाएगा। सीबीडीटी ने बताया कि शोयरधारकों और इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों ने गार को लागू किए जाने के प्रावधानों पर स्पष्टीकरण देने का अनुरोध किया था। इसके लिए एक टीम का गठन भी किया गया था जिसे इस संबंध में उठाए गए मुद्दों का अध्ययन करने का जिम्मा दिया गया था।
गौरतलब है कि जीएएआर का प्रपोजल सबसे पहले वित्त वर्ष 2012-13 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रखा था। हालांकि विदेशी निवेशकों की आशंकाओं के चलते इसे बार बार टालना पड़ा। पहले इसे 1 अप्रैल 2014 से लागू किया जाना था लेकिन अब इसे 1 अप्रैल 2017 से लागू किया जाएगा।
GAAR क्या है?
कर चोरी और कालेधन को को रोकने के लिए GAAR एक प्रकार का विशेष नियम है। इसके पीछे सरकार का एक ही लक्ष्य है, जो भी विदेशी कंपनी भारत में निवेश करे, वह तय नियमों के मुताबिक कर अदा करे। साथ ही कर संबंधी खामियों को दूर करना टैक्स चोरी करने वालों का पता लगाना भी इसका उद्देश्य है। आपको बता दें कि जीएएआर ऐसे फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेटस्टदर्स पर लागू नहीं होगा, जिनका किसी देश को चुनने का मुख्यट उद्देश्य कर लाभ प्राप्त करना नहीं है।