उर्वरक कंपनियां पोटाश की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए पोटाश सब्सिडी में 20 फीसद कटौती की थी।
मुंबई: सरकार ने बीते हफ्ते चालू वित्त वर्ष के लिए पोटाश सब्सिडी में 20 फीसद कटौती की थी। इसे देखते हुए उर्वरक कंपनियां जल्द पोटाश के दामों को बढ़ाने की तैयारी में हैं। इसकी ऊंची कीमतों से मांग के प्रभावित होने की आशंका है। इसने ग्लोबल आपूर्तिकर्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। भारत दुनिया में पोटाश के सबसे बड़े आयातकों में से है।
सब्सिडी में कटौती के कारण भारतीय कंपनियां अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ वार्षिक आयात कांट्रैक्ट में कीमतों को लेकर मोलतोल की योजना भी बना रही हैं। घरेलू फर्मे जिन बड़ी ग्लोबल कंपनियों से पोटाश खरीदती हैं, उनमें उरलाकली, पोटाश कॉर्प ऑफ सस्केचेवान, एग्रियम इंक, मोजैक, केप्लसएस, अरब पोटाश और इजरायल केमिकल्स शामिल हैं। भारत और चीन जिन कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करते हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क माना जाता है। मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे अन्य पोटाश खरीदार इन पर करीब से नजर रखते हैं।
बीते हफ्ते कैबिनेट ने पोटाश सब्सिडी में 20 फीसद कटौती की थी। भारत में सालाना करीब 40 लाख टन पोटाश की खपत होती है। अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए वह आयात पर निर्भर रहता है। लेकिन ऊंची कीमतों के कारण इस बात की आशंका है कि किसान इसके इस्तेमाल को सीमित करें।
जून व जुलाई में किसान चावल, गन्ना, मक्का, कपास और सोयाबीन की फसलें लगाने वाले हैं। इफको के एमडी यूएस अवस्थी ने कहा कि सब्सिडी में कटौती के मद्देनजर आपूर्तिकर्ताओं के साथ मोलतोल किया जाएगा ताकि कम से कम कीमतों पर पोटाश को खरीदा जा सके।