नोटबंदी और जीएसटी ने बढ़ाया टैक्स आधार, कैश में डीलिंग हुई मुश्किल
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद कैश में लेन देन अब आसान नहीं रहा है
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) ने कैश में लेन-देन को और मुश्किल कर दिया है। इसके अलावा कर अनुपालन बेहतर होने के साथ ही इससे कर आधार में भी विस्तार किया है। जेटली ने कहा कि सरकार विदेशी काले धन को नियंत्रित करने के कई तरह के कानूनों लेकर आई है। साथ ही वह उन लोगों पर नियंत्रण करने के लिए जो कि स्थानीय स्तर पर ब्लैक मनी की हेराफेरी करते हैं और शेल कंपनियों के खिलाफ भी सक्रिय हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में सामान्य स्थिति लाने की कोशिश की गई है क्योंकि कर अनुपालन न करने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी। साथ ही ऐसे लेनदेन भी काफी ज्यादा रहे जो सिस्टम से बाहर होते हैं, उन्हें सिस्टम में लाने की कोशश हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्या से निपटने में असहायता वाली स्थिति थी। वित्त विधेयक के माध्यम से हर साल हम कुछ बदलावों की घोषणा करेंगे, जो सबसे अच्छे रूप से मार्जिनल इंपैक्ट डालेंगे। जेटली ने कहा,
“मुझे लगता है कि उन मार्जिनल चेंजेज का लास्टिंग इंपैक्ट बहुत महत्वपूर्ण नहीं था। इसलिए एक बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव बनाने के लिए कदम उठाया जाना जरूरी था।”
जेटली ने कहा, “नोटबंदी के साथ साथ जीएसटी का अभ्यास नकदी का उत्पादन बहुत अधिक कठिन बनाने वाला है, जिससे कि बेहतर अनुपालन और अच्छा डिजिटाइजेशन होगा और ग्रेटर डिजिटाइजेशन का पहला संकेत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के बढ़ते आधार के रुप में सामने भी आ चुका है।”