क्रेडाई ने की मांग, जीएसटी लागू होने के बाद खत्म कर दी जाए स्टांप ड्यूटी
क्रेडाई ने अचल संपत्ति पर स्टांप ड्यूटी खत्म कर देने की मांग की है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। रियल एस्टेट सेक्टोरल बॉडी क्रेडाई ने राज्य सरकारों से मांग की है कि अचल संपत्ति पर स्टांप ड्यूटी को खत्म कर दिया जाए ताकि जीएसटी के अमल में आने के बाद कई स्तर के कर को खत्म किया जा सके। क्रेडाई की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया, “सीआरईडीएआई (CREDAI) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को प्रमुख सुधार के रूप में पेश करने का स्वागत किया है क्योंकि यह सभी केंद्रीय और राज्य करों को पूरे देश के लिए एक व्यापक कर शासन में एकीकृत करता है।”
क्रेडाई ने कहा कि ट्रेड और इंडस्ट्री जीएसटी से ज्यादा फायदा प्राप्त करने वालों में से हैं, क्योंकि यह राज्य और केंद्र स्तर पर कई करों को समाप्त करता है। हालांकि, जैसे अन्य सेक्टर के लिए जीएसटी के अंतर्गत कुछ अप्रत्यक्ष कर देय होगा, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जीएसटी की दर 12 फीसद तय की गई है, जो कि इस पर एक तरह के टैक्स बोझ के जैसा ही है।
क्रेडाई ने कहा कि अचल संपत्ति क्षेत्र असाधारण है क्योंकि जीएसटी शासन कई करों को खत्म नहीं करता है। “जीएसटी के कार्यान्वयन के बाद भी सभी अचल संपत्ति पर राज्यों द्वारा लगाए गए स्टाम्प शुल्क (स्टाम्प ड्यूटी) लागू रहेंगे।” अचल संपत्ति कारोबार पर अतिरिक्त बोझ अचल संपत्ति के मूल्य के 5 से 8 फीसद की औसत स्टाम्प ड्यूटी है।