बेखौफ करें काले धन की शिकायत
अगर आपके पास किसी के खिलाफ कर चोरी या काले धन की शिकायत है, तो आप बेखौफ आयकर विभाग के पास भेज सकते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: आपके पास अगर किसी के खिलाफ कर चोरी या काले धन की शिकायत है, तो आप बेखौफ आयकर विभाग के पास भेज सकते हैं। सरकार ने आयकर कानून 1961 में एक संशोधन किया है। इसलिए अब अघोषित आय की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम काला धन रखने वाले को पता नहीं चल सकेगा। सरकार ने इस संबंध में वित्त विधेयक 2017 के जरिये आयकर कानून की धारा 132 (ए) में संशोधन किया है।
दरअसल धारा 132(ए) के तहत आयकर अधिकारी को किसी के भी यहां सर्च करने से पहले तैयार किए जाने वाले सैटिस्फैक्शन नोट में साफ-साफ यह लिखना होता था कि उसे इसके बारे में सूचना किससे मिली। इसी नोट को आधार बनाकर अधिकारी काला धन रखने वाले व्यक्ति के यहां सर्च करने का आदेश जारी करता था। हालांकि जब वह व्यक्ति विभाग की सर्च कार्रवाई को चुनौती देता था तो विभाग को वह सैटिस्फैक्शन नोट उसे देना पड़ता था। इस तरह काला धन रखने वाले को पता चल जाता था कि उसके खिलाफ किसने शिकायत की है। इसके चलते विगत में विभाग को अघोषित आय के बारे में सूचना देने वालों की संख्या में कमी आने लगी थी। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने वित्त विधेयक 2017 के माध्यम से धारा 132(ए) में संशोधन किया है। लोकसभा ने मंगलवार को ही इस संशोधन पर मुहर लगाई है। यह संशोधन पूर्व-प्रभाव से लागू होगा। इसका मतलब यह है कि पुराने मामलों में भी यह संशोधन प्रभावी होगा।
संशोधन के प्रभाव में आने के बाद विभाग ने जिस व्यक्ति के खिलाफ भी सर्च कार्रवाई की है, उसे सैटिस्फैक्शन नोट देने की बाध्यता नहीं होगी। अपीलीय टिब्यूनल को भी यह नोट देखने का अधिकार नहीं होगा।अगर अदालत चाहेगी तो उस सैटिस्फैक्शन नोट को देख सकेगी, लेकिन अघोषित आय के मालिक या कर चोरी के आरोपी को उसकी कॉपी नहीं दी जाएगी। ऐसा होने पर आयकर विभाग को सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जा सकेगा।