कंपनियों को जमा करना पड़ सकता है पहली छमाही में आय का अनुमान
नि कंपनियों या करदाताओं को अपने खातों का ऑडिट कराना है उन्हें वित्त मंत्रालय को आय का अनुमान जमा करना पड़ सकता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। कंपनियों व करदाताओं को अप्रैल से सितंबर तक के आय का अनुमान और टैक्स देनदारी की जानकारी आयकर विभाग के पास जमा करानी पड़ सकती है। यह उन कंपनियों व करदाताओं पर लागू होगा, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराना है। इसके लिए 15 नवंबर की तारीख तय की जा सकती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें आय और एडवांस टैक्स की जानकारी देने के लिए फॉर्म 28एए भरने पर संबद्ध पक्षों से राय मांगी गई है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले एडवांस टैक्स में कमी होने की स्थिति में कंपनियों को उसका कारण भी बताना पड़ेगा। इस जानकारी से आयकर विभाग को किसी कंपनी के आमदनी के रुझान को समझने में मदद मिलेगी। पिछले साल के मुकाबले कुल आय में पांच लाख रुपये या 10 फीसद (जो अधिक हो) से ज्यादा की कमी होने पर करदाताओं को अप्रैल से दिसंबर की जानकारी 31 जनवरी तक देनी होगी। अभी करदाताओं को पूरे वित्त वर्ष के आयकर पर एडवांस टैक्स सीबीडीटी के पास जमा कराना होता है। यह चार किस्तों में 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च को जमा कराया जाता है। उन्हें अनुमानित आय की जानकारी नहीं देनी होती।
सरकारी बैंकों का एडवांस टैक्स 10.6 फीसद बढ़ा
फंसे कर्जो के बोझ से दबे सरकारी बैंकों से मिलने वाले एडवांस टैक्स की वृद्धि दर कम हुई है। जुलाई-सितंबर तिमाही में मुंबई में सरकारी बैंकों से कुल 69 हजार करोड़ रुपये का एडवांस टैक्स मिला। पिछले साल की समीक्षाधीन तिमाही की तुलना में यह 10.64 फीसद ज्यादा है। इस वृद्धि दर से असंतुष्ट आयकर विभाग ने अफसरों को कंपनियों के अगली तिमाही के नतीजों पर नजर रखने का कहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन सरकारी बैंकों की तुलना में अच्छा रहा है। स्टील जैसे सेक्टरों ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। सरकारी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के एडवांस टैक्स में 37 फीसद की गिरावट आई है। सिटीग्रुप ने भी 34 फीसद कम एडवांस टैक्स दिया। वहीं पेट्रोलियम कंपनी एचपीसीएल और स्टील क्षेत्र की दिग्गज टाटा स्टील के एडवांस टैक्स में 70 फीसद का उछाल आया है।