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वाणिज्य मंत्रालय से मिलेंगे रक्षा वस्तुओं के निर्माण के लाइसेंस

हथियारों के लिए अब निजी क्षेत्र वाणिज्य मंत्रालय में आवेदन कर पाएगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 02:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 02:36 PM (IST)
वाणिज्य मंत्रालय से मिलेंगे रक्षा वस्तुओं के निर्माण के लाइसेंस
वाणिज्य मंत्रालय से मिलेंगे रक्षा वस्तुओं के निर्माण के लाइसेंस

नई दिल्ली (जेएनएन)। टैंक, लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों और अन्य रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र अब वाणिज्य मंत्रालय में आवेदन कर सकेगा। अब तक यह अधिकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास था। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा है कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) अब रक्षा वस्तुओं के निर्माण के लिए लाइसेंस जारी कर सकेगा। डीआइपीपी वाणिज्य मंत्रालय के तहत आता है और प्रमुख रूप से उद्योग एवं निवेश को बढ़ावा देने का कार्य करता है। हालांकि, डीआइपीपी की ओर से संभावित निर्माताओं को ये लाइसेंस केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी और नियंत्रण के तहत ही दिए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस कदम का मकसद ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में तेजी लाना और रक्षा निर्माण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आमंत्रित करना है।

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निजी क्षेत्र जिन रक्षा वस्तुओं के निर्माण लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे उनमें टैंक एवं अन्य बख्तरबंद युद्धक वाहन, हथियारों से सुसज्जित सैन्य वाहन या बारूदी सुरंग बिछाने के उपकरण, स्वचालित बख्तरबंद वाहन और गैर-बख्तरबंद हथियार प्रणाली और पहियों पर चलने वाले सभी वाहन शामिल हैं। इनके अलावा लड़ाकू विमान, अंतरिक्ष यान एवं उनके कलपुर्जे, हेलीकॉप्टर, हवाई वाहनों से हल्के वाहन, मानव रहित विमान, रिमोट से संचालित वाहन, सभी प्रकार के युद्धपोत, स्वचालित हथियारों से सुसज्जित पोत निर्माण के लिए भी लाइसेंस हासिल किए जा सकेंगे।


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