जीएसटी मुआवजा फंड में केंद्र को मिलेगा बड़ा हिस्सा
जीएसटी के तहत बनाए गए मुआवजा फंड में से 5 साल तक अधिकांश हिस्सेदारी केंद्र रखेगा
नई दिल्ली: जीएसटी के तहत बनाए गए मुआवजा फंड में से 5 साल तक अधिकांश हिस्सेदारी केंद्र रखेगा। जीएसटी काउंसिल ने इस फंड में से बराबर-बराबर हिस्सेदारी की बात कही है जो कि पूर्व के उस फैसले के ठीक उलट है जो कि राज्यों के फायदे में था।
वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों के लिए मुआवजा) विधेयक के अनुसार, जैसा सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया है, वे जीएसटी के कार्यान्वयन से राजस्व के नुकसान के लिए केन्द्र से दो-मासिक आवधिक मुआवजा प्राप्त करेंगे। मसौदा कानून ने हर तिमाही के मुआवजे के भुगतान के लिए सुविधा प्रदान की थी।
मसौदे के प्रावधान को देखते हुए, जिसे नवंबर 2016 को सार्वजनिक किया गया था जीएसटी मुआवजा बिल कहता है, “पांच साल की मुआवजे की अवधि के बाद मुआवजा फंड में शेष किसी भी शेष राशि को केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाएगा।”
पहले के मसौदे के अनुसार, 'जीएसटी मुआवजा फंड' में पांच साल के कार्यकाल के अंतराल के बाद किसी भी अतिरिक्त राशि को निर्दिष्ट सूत्र के अनुसार केन्द्र और राज्यों के बीच विभाजित किया जाना था। इसके अंतर्गत 50 फीसद हिस्से का बंटवारा केंद्र और राज्यों के बीच किया जाना है
कानून के अनुसार केंद्र और राज्यों के बीच अतिरिक्त राशि का 50 फीसद हिस्सा बांटा जाना था, शेष 50 फीसद हिस्सा राज्यों को उनके एसजीएसटी के तहत मिलने वाले उस राजस्व के अनुपात में मिलना तय किया गया है जो कि बीते वर्ष के ट्रांजिशन पीरियड के दौरान उन्हें मिला है।