गांव में रहने वालों को रोजगार देने की तैयारी, लोन के ब्याज का कुछ हिस्सा चुकाएगा केंद्र
माइक्रो क्रेडिट प्रोग्राम योजना के तहत सरकार 8.5 करोड़ परिवारों को कर्ज देगी
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में रह रहे परिवारों के लिए एक माइक्रो क्रेडिट प्रोग्राम योजना ला रही है। इसके तहत देशभर के 8.5 करोड़ परिवारों को कर्ज दिया जाएगा। अगले तीन से पांच वर्षों में हर परिवार को एक लाख रुपये तक के कर्ज के साथ-साथ रियायती ब्याज दर भी मुहैया कराई जाएगी।
यह कर्ज गरीब परिवारों को व्यवसाय के लिए नया जरिया तैयार करने के लिए दिया जाएगा। यह इसलिए खास है क्योंकि इस कर्ज पर ब्याज का बड़ा हिस्सा केन्द्र सरकार खुद देगी। सरकार ने इस एक लाख रुपये का लोन देने के लिए सामाजिक, आर्थिक और जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों का सहारा लिया है। इसके जरिए सरकार लगभग 8.5 करोड़ परिवारों को चिन्हित करेगी। योजना के तहत वर्ष 2019 तक एक लाख रुपये का लोन आवंटित किया जाएगा।
क्यों दिया जाएगा लोन
लोन के जरिए केंद्र सरकार रूरल फाइनेंसिंग के सरकारी ढ़ांचे को पुख्ता करने की कोशिश में है। योजना का लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों की क्षेत्रीय साहूकार और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर निर्भरता कम करने की है।
लोन का किसे मिलेगा फायदा
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कृषि एवं एनिमल हस्बेंडरी मंत्रालय के साथ करार किया है। इस करार का उद्देश्य गरीब परिवारों को खेत जुताई, पोल्ट्री फार्म और बकरी पालन जैसी गतिविधियों के जरिए आमदनी करने के लिए सक्षम बनाना है। इन परिवारों को सस्ते दर पर दिया गया लोन इन कामों के जरिए आमदनी को पुख्ता करने में मददगार होगा। इसके अलावा सरकार नैशनल डेयरी बोर्ड की मदद के साथ-साथ इस क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी पर भी काम कर रही है।
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