जानिए कब खत्म होगी कैश की दिक्कत, रिजर्व बैंक ने दिए निर्देश
गणतंत्र दिवस तक दूर हो जाएगी कैश की समस्या, रिजर्व बैंक और करेंसी चेस्ट से बैंकों तक नकदी पहुंचाने वाली कैश लॉजिस्टिक्स कंपनियों को इस संबंद्ध में निर्देश दिए गए हैं।
नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। नोटबंदी के बाद देशभर के एटीएम में कैश पहुंचाने संबंधी दिक्कतें सरकार हर कीमत पर गणतंत्र दिवस के पहले दूर करने जा रही है। इस बारे में रिजर्व बैंक व करेंसी चेस्टों से बैंकों तक नकदी पहुंचाने वाली कैश लॉजिस्टिक्स कंपनियों को साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं। बीते दस दिनों में हुए प्रयासों से 12 जनवरी तक एटीएम में जाने वाली राशि नोटबंदी की तारीख आठ नवंबर, 2016 के करीब पहुंच गई है।
कैश लॉजिस्टिक्स कंपनियों के संगठन सीएलए ने शुक्रवार को वित्त मंत्रलय के समक्ष एटीएम में कैश पहुंचाने और नकदी वितरण की स्थिति पर रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया है कि गुरुवार तक देश के दो लाख में से 1.25 लाख एटीएम में नकदी पहुंचाई जाने लगी है। 15 जनवरी तक 1.50 लाख एटीएम में नकदी पहुंचने लगेगी।
कोशिश यह है कि 26 जनवरी तक देश के सभी एटीएम में नकदी पहुंचने लगे। सरकारी महकमे ने फरवरी के मध्य या अंत तक एटीएम में नकदी आपूर्ति सामान्य होने का अनुमान लगाया था। लेकिन जनवरी के पहले पखवाड़े में नकदी प्रिटिंग से लेकर पहुंचाने तक के काम में आशातीत प्रगति हुई है। इससे जनवरी के अंत तक हालात सामान्य होने के आसार हैं।
कैश लॉजिस्टिक्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रितुराज सिन्हा ने बताया, ‘नोटबंदी से ठीक पहले एटीएम में रोजाना 12-14 हजार करोड़ नकदी डाल रहे थे। इसके बाद यह आंकड़ा घटकर 2,000-3,000 करोड़ रुपये रह गया। लेकिन अब फिर से औसतन 8,000 करोड़ रुपये रोज डाले जा रहे हैं। हर एटीएम में औसतन 10-12 लाख रुपये डाले जा रहे हैं। इसे जल्द ही बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा।
करेंसी चेस्ट से नोट आपूर्ति काफी हद तक सामान्य हो चुकी है। नोटबंदी के पहले हम 90 फीसद राशि एटीएम में पहुंचा रहे थे, जबकि 10 फीसद बैंक शाखाओं को जाती थी। बाद में बैंक शाखाओं में 90 फीसद कैश जाने लगा था। अब फिर से 50-60 फीसद राशि एटीएम में जाने लगी है। इससे हालात को सामान्य करने में काफी हद तक मदद मिल रही है।’ वित्तीय सेवा विभाग के सूत्रों के मुताबिक देश में दो लाख से यादा एटीएम हैं। सामान्य स्थितियों में भी इनमें से आधे एटीएम में ही रोजाना नकदी डालने की जरूरत होती है।
कुछ एटीएम में तो हफ्ते या दस दिनों में कैश डाला जाता है। ज्यादा नकदी की जरूरत के कारण अभी एक-एक व्यक्ति कई कार्ड लेकर एटीएम से निकासी कर रहा है, इसलिए कैश जल्द खत्म हो जाता है। यह स्थिति सिर्फ दिल्ली और कुछ अन्य बड़े शहरों की है। छोटे शहरों के एटीएम में नकदी आपूर्ति की स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है। इन जगहों पर समस्या गंभीर नहीं है।