नोटबंदी के प्रभाव को ऑडिट करेगा कैग
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी/कैग) ने नोट-बैन के प्रभाव का ऑडिट करने की योजना बनाई है
नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी/कैग) ने नोट-बैन के प्रभाव का ऑडिट करने की योजना बनाई है। साथ ही कैग इससे सरकार के राजस्व पर पड़े असर का भी आकलन करेगा। यह जानकारी कैग शशिकांत शर्मा ने दी है।
एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया, “ऑडिटर नए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) कानून के तहत कर राजस्व का ऑडिट करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा उसने क्षमता निर्माण और अपने ऑडिट के तरीके तथा प्रक्रियाओं का पुनर्गठन शुरू किया है।”
वहीं विशेष ऑडिट (लेखा-परीक्षा) में, सीएजी ने पहले ही कृषि फसलों बीमा योजना का और बाढ़ नियंत्रण एवं बाढ़ की भविष्यवाणी का ऑडिट पूरा कर लिया है। अब वह शिक्षा के अधिकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, रक्षा पैंशन, गंगा पुनरुद्धार का ऑडिट कर रहा है। शर्मा ने कहा कि इनकी ऑडिट रिपोर्ट चालू साल के अंत तक तैयार हो जाएगी।
कैग के ऑडिट में नोटों की छपाई पर खर्च, रिजर्व बैंक के लाभांश भुगतान तथा बैंकिंग लेन-देन के आंकड़ों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कैग ने सरकार को जीएसटी काउंसिल के शुरूआती मसौदे में धारा 65 को हटाने पर भी अपना रुख बता दिया है। इसके तहत कैग को जीएसटी के ऑडिट का अधिकार मिलता है।