ब्लैक मनी से निपटने को स्टांप ड्यूटी में हो कटौती, गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति खत्म नहीं हो सकती: ASSOCHAM
एसोचैम ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिये स्टांप शुल्क में कटौती इलेक्ट्रॉनिक रूप से पंजीकरण जैसे उपाय अपने सुझाव में दिए हैं
नई दिल्ली। उद्योग मंडल एसोचैम ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिये स्टांप शुल्क में कटौती और जमीन-जायदाद का इलेक्ट्रॉनिक रूप से पंजीकरण (रजिस्ट्रे शन) जैसे उपाय करने का सुझाव दिया है। एसोचैम का मानना है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में कालेधन के मौजूदा भंडार को बाहर निकाला जा सकता है। लेकिन गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति का सोना और जमीन-जायदाद जैसे विकल्पों में निवेश को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि भारत में बीते 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया गया था।
उद्योग मंडल के अध्ययन में बताया गया है कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने से कालेधन के भंडार की समस्या दूर होगी, लेकिन भविष्य में प्रवाह पर इसका असर नहीं होगा। इस तरह के प्रवाह को थामने के लिये संपत्ति के लेन-देन के दौरान लगने वाले स्टांप शुल्क में कमी, जमीन-जायदाद का इलेक्ट्रानिक रूप से पंजीकरण आदि जैसे उपाय किए जाने की जरूरत होगी।
अध्ययन के मुताबिक माना जा रहा है कि बैन की गई करंसी का लगभग पूरा हिस्सा बैंकों में वापस आ चुका है। इससे यह पता चलता है कि बड़े नोटों को चलन से बाहर करने से गलत तरीके से कमाई गयी संपत्ति पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकती।
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, “कर अधिकारियों के पास संसाधन संबंधी बाधाओं को देखते हुए इतने बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद बनाने की पहचान कठिन कार्य हो सकता है।”