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मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी जीएसटी: एसोचैम

उद्योग चैंबर एसोचैम का कहना है कि देश में जीएसटी को लागू करना मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 11:03 AM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 11:03 AM (IST)
मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी जीएसटी: एसोचैम
मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी जीएसटी: एसोचैम

नई दिल्ली (आइएएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के जरिये पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली को अमलीजामा पहनाने की दिशा में प्रगति मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उद्योग चैंबर एसोचैम ने रविवार को यह बात कही। एसोचैम के मुताबिक, राजग सरकार ने तीन साल के कार्यकाल में जीएसटी के अलावा आर्थिक मोर्चे पर जिन अन्य उपलब्धियों को हासिल किया है उनमें फाइनेंशियल इनक्लूजन, डिजिटलीकरण और रेलवे व बिजली वितरण जैसे बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक निवेश शामिल हैं।

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एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जजोदिया ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में जीएसटी के कार्यान्वयन से सरकार की अन्य प्रमुख पहलों पर भी असर होगा। जीएसटी को अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तन के लिए एक और विश्वसनीय कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस पहल के माध्यम से व्यापार सुगमता आएगी।

जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को श्रीनगर में हुई अपनी 14वीं बैठक में सेवाओं के साथ-साथ 1,211 वस्तुओं की जीएसटी दरें तय कीं। इससे जीएसटी की दिशा में एक कदम और बढ़ गया। काउंसिल की अगली बैठक तीन जून को होनी है। इसमें सोना और बीड़ी सहित छह वस्तुओं की दरें तय की जाएंगी।

एसोचैम के अनुसार, सब्सिडी वितरण प्रक्रिया की साफ-सफाई भी सरकार की एक बड़ी सफलता है। इसके तहत बैंक खाते के साथ आधार आइडी को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, पेट्रोल व डीजल की सब्सिडी खत्म करने और रसोई गैस सहित अन्य ईंधन पर सब्सिडी में कटौती से सरकारी तेल कंपनियों की बैलेंसशीट में काफी सुधार आया है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 372 अरब डॉलर के शानदार ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इससे रुपये को बल मिला है। यह महंगाई को कम करने में मदद कर रहा है। रक्षा, बीमा, बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को खोलने के लिए किए गए उपायों के बाद बीते तीन सालों में देश को 100 अरब डॉलर का शुद्ध एफडीआइ मिला है। जबकि विदेशी फंड शेयर बाजार में जोरदार तरीके से पूंजी झोंक रहे हैं। फिलहाल बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) को लेकर चिंता कायम है


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