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दिवालिया कार्यवाही के दौरान कंपनियों पर कुछ करों को छोड़ा जाए: एसोचैम

एसोचैम ने दिवालिया कार्यवाही के संदर्भ में कंपनियों को कुछ राहत देने के लिए सीबीडीटी को एक पत्र लिखा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 06:21 PM (IST)
दिवालिया कार्यवाही के दौरान कंपनियों पर कुछ करों को छोड़ा जाए: एसोचैम
दिवालिया कार्यवाही के दौरान कंपनियों पर कुछ करों को छोड़ा जाए: एसोचैम

नई दिल्ली (जेएनएन)। इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने एसोचैम ने सरकार से उन कंपनियों के लिए करों में थोड़ी राहत की मांग की है जिनके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की गई है। एसोचैम ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) को लिखे एक पत्र में कहा, “जहां पर कोई भी देनदारी बकाया है, जिसमें अर्जित ब्याज भी शामिल है को अप्रूव्ड रेजोल्शून प्लान के तहत माफ कर दिया जाता है। आयकर अधिनियम, 1961 के सामान्य और न्यूनतम वैकल्पिक कर (मेट) प्रावधानों के तहत इस तरह की माफी कर के अधीन नहीं होनी चाहिए।”

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एसोचैम ने यह बात सीबीडीटी को लिखे पत्र में कही है। चैंबर ने उन कंपनियों के लिए आई-टी अधिनियम की धारा 50 सीए से छूट भी मांगी है जिन्हें दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत रिवाइव करने की कोशिश की जा रही है।

यह सेक्शन अनुमति देता है कि पूंजी लाभ की गणना कंपनी के शेयरों के उचित मूल्य के आधार पर की जाएगी भले ही उन्हें उचित मूल्य के नीचे आईबीसी पैकेज के तहत स्थानांतरित किया गया हो। चूंकि किसी बीमार कंपनी की ओर से उस वर्ष मैट का भुगतान करने की बाध्यता नहीं होती है जिस वर्ष वह बीमार घोषित की गई है उसी तरह सिफारिश की जाती है कि अनुमोदित (अप्रूव्ड) संकल्प योजना के प्रभावी होने के बाद कॉरपोरेट देनदार को समान राहतें दी जानी चाहिए।


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