अरुण जेटली ने मंत्रालयों से कहा, एलोकेशन के हिसाब से खर्च करते रहें पैसा
स्पेक्ट्रम ऑक्शन के जरिए उम्मीद के मुताबिक पैसा न मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने दूसरे मंत्रालयों से कहा है कि वो बजट एलोकेशन के मुताबिक पैसा खर्च करते रहें।
नई दिल्ली: स्पेक्ट्रम ऑक्शन के जरिए उम्मीद के मुताबिक पैसा न मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने दूसरे मंत्रालयों से कहा है कि वो बजट एलोकेशन के मुताबिक पैसा खर्च करते रहें। आपको बता दें कि अगस्त महीने में डेफिसिट डेटा भी 7 साल में सबसे अधिक हो गया है, जिससे बाद से ही फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य से ज्यादा रहने की आशंका जताई जा रही है। इसी बीच वित्त मंत्रालय ने इस डर को खत्म करने के लिए मंत्रालयों को बजट ऐलोकेशन के मुताबिक खर्च जारी रखने की बात कही है।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर सरकार की आमदनी घटती है तो उसकी भरपाई हाल में खत्म इनकम डिस्क्लोजर स्कीम (IDS) से जुटाए गए पैसे से कर ली जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र के पास स्पेशिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (SUUTI) के जरिए कई कंपनियों में हिस्सेदारी है। इसे बेचकर वह और पैसे जुटा सकता है। इसी को देखते हुए सरकारी खर्च में कटौती की आशंका गलत है। अधिकारी ने बताया कि वो चाहते हैं कि मंत्रालय वह पैसा खर्च करें, जो उन्हें दिया गया है।
अगस्त के अंत तक बढ़ गया फिस्कल डेफिसिट:
इस साल अगस्त महीने के आखिर वित्तीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) पूरे साल के अनुमान के 76.4 फीसदी स्तर पर पहुंच गया। यह वित्त वर्ष 2009 के बाद इस महीने (2016) का सबसे अधिक आंकड़ा है।
स्पेक्ट्रम नीलामी में मिला अनुमान से कम पैसा:
केंद्र सरकार को हालिया स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिए अनुमान से भी कम पैसा मिला है। सरकार को नीलामी के जरिए 32,000 करोड़ रुपए मिले जबकि उसने 64,000 करोड़ रुपए का अनुमानित लक्ष्य रखा था।