बैड लोन की समस्या को सुलझाना हमारी प्राथमिकता: अरुण जेटली
भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था में बैड लोन की समस्या ऐसी नहीं है जिसे सुलझाया न जा सके
नई दिल्ली (पीटीआई)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए बैंकिंग सिस्टम में बैड लोन की समस्या ऐसी नहीं है कि जिसे सुधारा न जा सके, क्योंकि यह 20 से 30 बड़े खातों तक ही सीमित है। विदेशी संबंध परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि हालांकि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की समस्या बहुत ही लंबे समय से चली आ रही है जारी किया है, जिसके कारण देश की बैंकिंग प्रणाली में निश्चित तौर पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
जेटली ने कहा कि एनपीए की समस्या सैकड़ों और हजार खातों तक नहीं फैली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इसका समाधान करना हमारी प्राथमिकता है। क्योंकि इससे निजी क्षेत्र की ओर से आने वाले निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जो भी कंपनियां इसमें फंसी हैं उन्हें कोई भागीदार ढूंढना होगा या फिर उन्हें प्रबंधन बदलना होगा अथवा नया निवेशक तलाशना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही कोई समाधान निकालना होगा।
जेटली ने कहा, “इसमें बैंकों की ओर से की जाने वाली छटनी भी शामिल है, जो एक सशक्त वाणिज्यिक विचार होगा। भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए 20 से 30 खातों से जुड़ी एनपीए की समस्या को सुलझान असंभव नहीं होगा। यह कोई ऐसी समस्या नहीं है कि जिससे पार न पाया जा सके।”
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