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जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स रेट और टैक्सेशन स्ट्रक्चर पर फैसला मई तक: अरुण जेटली

अरुण जेटली ने जताया विश्वास, जीएसटी की दरों और कर ढांचे पर सहमति बन जाएगी

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 03:59 PM (IST)
जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स रेट और टैक्सेशन स्ट्रक्चर पर फैसला मई तक: अरुण जेटली
जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स रेट और टैक्सेशन स्ट्रक्चर पर फैसला मई तक: अरुण जेटली

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि जीएसटी की दरों और कर ढांचे पर सहमति बन जाएगी। जेटली ने बताया कि मई में होने वाली बैठक में कराधान संरचनाओं और दर पर फैसला किया जाना है।

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उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी भरोसा है कि 31 मार्च तक जीएसटी से जुड़े 5 और कानूनों को अनुमति मिल जाएगी। जीएसटी काउंसिल ने इस कानून को अमल में लाने के लिए 1 जुलाई की तारीख निश्चित की है।

जीएसटी के लिए पेश होंगे पांच विधेयक, संसद के मौजूदा सत्र में ही सरकार लाएगी से सभी बिल

सरकार जल्द ही संसद के मौजूदा सत्र में ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए जरूरी पांच विधेयक पेश करेगी। इन विधेयकों के पारित होने पर एक जुलाई, 2017 से देश में जीएसटी लागू होने का रास्ता साफ हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में वित्त विधेयक 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पैन के लिए ‘आधार’ नंबर अनिवार्य बनाने का कदम सरकार ने कर चोरी रोकने के इरादे से उठाया है। यह भी साफ कर दिया कि कृषि से आमदनी पर कोई आयकर नहीं लगाया गया है और न ही केंद्र को यह टैक्स लगाने का अधिकार है।

लोकसभा ने कांग्रेस, बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के वाकआउट के बाद ध्वनिमत से वित्त विधेयक 2017 को पारित किया। सरकार ने इस विधेयक में 40 आधिकारिक संशोधन किए हैं। इनमें से पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) लेने और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार नंबर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान शामिल है।

जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अब तक 12 बैठकें हो चुकीं हैं। काउंसिल ने सभी निर्णय सर्वसम्मति से किए हैं। पांच विधेयकों के मसौदों को काउंसिल ने मंजूरी दी है। इनमें से एक विधेयक राय विधानसभाओं से पारित होना है, जबकि चार संसद से पास होंगे। इसके अलावा सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क कानून में संशोधन के लिए भी एक विधेयक संसद में पेश करेगी। इस बिल की जरूरत इसलिए है क्योंकि जीएसटी लागू होने पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क समाप्त हो जाएगा। इसलिए उत्पाद व सीमा शुल्क कानून में संशोधन जरूरी है। कैबिनेट ने देर शाम इस विधेयक को मंजूरी दे दी।
 


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