Move to Jagran APP

एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों से कहा, नए वर्क कल्चर के लिए रहें तैयार

एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों से नए वर्क कल्चर के लिए तैयार रहने के लिए कहा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 05:29 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 04:24 PM (IST)
एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों से कहा, नए वर्क कल्चर के लिए रहें तैयार
एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों से कहा, नए वर्क कल्चर के लिए रहें तैयार

नई दिल्ली (जेएनएन)। निजीकरण की चर्चाओं के बीच एयर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वो वर्क कल्चर में बड़े बदलाव के लिए तैयार रहें। साथ ही उन्होंने कर्मचारियों को बेहतर डील का भी भरोसा दिलाया है। साथ ही उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण के सरकार के फैसल की वजह भी बताई। लोहानी ने बताया कि कंपनी पर जो 50,000 रुपये के कर्ज का बोझ है उसे वहन करने की क्षमता सरकार के पास नहीं है।

loksabha election banner

लोहानी ने इस संबंध में कर्मचारियों को एक पत्र लिखा है। लोहानी ने अपने पत्र में लिखा, “वर्षों से लगातार घाटा होने की वजह से कर्ज का यह बोझ बड़ा हो गया है। लेकिन आप भी मानेंगे कि जब तक इस बड़े कर्ज का समाधान नहीं होता, तब तक इसे चला पाना मुश्किल होगा और विनिवेश के प्रस्ताव पर विचार भी इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है। सरकार को पूरा विश्वास है कि विनिवेश प्रक्रिया से एयर इंडिया मजबूत होकर वर्ल्ड क्लास एयरलाइन की पंक्ति में आ जाएगा। यह एंप्लॉयीज के लिए भी विन-विन सॉल्युशन होगा।”

निजीकरण से पहले, एयर इंडिया कर्मचारियों को बड़े वॉलंटरी बाइआउट का प्रस्ताव देने की तैयारी में

सार्वजनिक विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने 40,000 एंप्लॉयीज में से एक तिहाई से ज्यादा को यानी 15,000 कर्मचारियों को वॉलंटरी बाइआउट का प्रस्ताव देने की तैयारी में है। यह जानकारी कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। यह भारत के राज्य क्षेत्र की सबसे बड़ी पेशकशों में से एक है क्योंकि विमानवाहक कंपनी साल 2018 की बिक्री से पहले अपनी लागत में कमी करना चाहती है।

इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया ने 8 बोइंग 787 एयरक्राफ्ट्स की खरीद की योजना को भी होल्ड कर दिया है। इस प्रस्ताव को एयर इंडिया के बोर्ड ने अप्रैल में ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसके बाद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद ने पिछले महीने घाटे में चलने वाली एयरलाइन को निजीकरण करने की योजना को मंजूरी देने के बाद से ही राष्ट्रीय विमानन कंपनी की रफ्तार थम सी गई है। साल 1930 में स्थापित हुई एयर इंडिया पीढ़ियों से अपने महाराजा शुंभकर के लिए जानी जा रही है।

आपको बता दें कि एयर इंडिया पर फिलहाल 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। सरकार ने 2012 में कंपनी को 23 हजार करोड़ रुपये की मदद की थी, इसके बाद भी एयर इंडिया कर्ज के संकट में है। अधिकारी ने बताया कि उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया के अधिकारियों को करीब 15,000 एंप्लॉयीज को वीआरएस देने की योजना पेश करने के लिए कहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.