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सेबी के फैसले का असर: तीन फीसद तक टूटा रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर, निवेशकों को हुआ नुकसान

RIL पर SEBI की ओर से एक वर्ष के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन में इक्विटी डेरीवेटिव्स ट्रेडिंग करने पर बैन लगाए जाने के कारण शेयर्स तीन फीसद तक टूटे

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 03:12 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 06:39 PM (IST)
सेबी के फैसले का असर: तीन फीसद तक टूटा रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर, निवेशकों को हुआ नुकसान
सेबी के फैसले का असर: तीन फीसद तक टूटा रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर, निवेशकों को हुआ नुकसान

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप के चलते बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से एक वर्ष के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन में इक्विटी डेरीवेटिव्स ट्रेडिंग करने पर बैन लगाए जाने के कारण आरआईएल के शेयर्स तीन फीसद तक टूटे हैं।

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रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में सोमवार को 3 फीसद की गिरावट देखने को मिली है जिसके कारण इसकी मार्केट वैल्युएशन 12,488 करोड़ रुपये कम हो गई है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को सेबी ने एक साल के लिए इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग से कंपनी और 12 अन्य को प्रतिबंधित कर दिया था।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 3 फीसद गिरावट के साथ हुआ बंद 

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर  रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 2.97 फीसद की कमजोरी के कसाथ 1248.50 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। आरआईएल में दिन का उच्चतम 1278.75 का स्तर और 1247.20 का निम्न स्तर छुआ है।

करीब 3 बजे एनएसई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का प्रदर्शन
करीब 3 बजे आरआईएल के शेयर्स 2.96 फीसद की गिरावट के साथ 1,248.60 के स्तर पर कारोबार करते दिख रहे हैं। आरआईएल का दिन का उच्चतम 1278.75 का स्तर और निम्न 1247.20 का स्तर रहा है। वहीं, इसका 52 हफ्तों का उच्चतम 13277 और निम्न 925.65 का स्तर रहा है।

कंपनी पर 1,000 करोड़ का जुर्माना:
सेबी ने मुकेश अंबाना के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री को 10 साल इस पुराने मामले में 1000 करोड़ का भुगतान भी करने को कहा है। वहीं दूसरी तरफ कंपनी का कहना है कि वो सेबी के इस आदेश को अदालत में चुनौती देंगे।

आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज को सेबी ने इस मामले में 447 करोड़ रुपये की मूल राशि और उस पर 29 नवंबर 2007 से अब तक 12 फीसद की दर से ब्याज (करीब 500 करोड़) का भुगतान करने को कहा गया है। यानी कुल मिलाकर कंपनी को करीब 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है।

क्या है मामला:
दरअसल यह मामला रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक रिलायंस पेट्रोलियम अब अस्तित्व में नहीं है। यह मामला रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों में वायदा एवं विकल्प (एफ ऐंड ओ) वर्ग में कथित तौर पर गलत तरीके से कारोबार करने से जुड़ा हुआ है।


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