फंड जुटाने के बाद गायब हो गईं 78 कंपनियां, 17 अकेले गुजरात की
निवेशकों से 312 करोड़ की पूंजी जुटाने के बाद करीब 78 कंपनियों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है, यानी वो गायब हैं।
नई दिल्ली: निवेशकों से 312 करोड़ की पूंजी जुटाने के बाद करीब 78 कंपनियों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है, यानी वो गायब हैं। इसमे से सबसे ज्यादा कंपनियां (17) गुजरात की हैं। यह जानकारी बीते शुक्रवार को संसद में दी गई। वहीं अन्य कंपनियां तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पंजाब की हैं।
गायब होने वाली कंपनियों में वो शामिल हैं जो सार्वजनिक निर्गमों के माध्यम से धन जुटाने के बाद दस्तावेजों और बैलेंस शीट दाखिल करने में विफल रही हैं, फिलहाल उनका कुछ भी अता-पता नहीं हैं। कुल मिलाकर इस तरह से गायब होने वाली कंपनियों की संख्या 78 है जिन्होंने निवेशकों से करीब 312 करोड़ का फंड जुटाया है। इसमें सबसे ज्यादा कंपनियां गुजरात (17) की हैं। अन्य कंपनियों में से 13 आंध्रप्रदेश, 10 तमिलनाडु और 9 महाराष्ट्र की हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और दिल्ली की भी पांच-पांच कंपनियां शामिल हैं।
कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि शुरुआती तौर पर इस तरह से गायब होने वाली करीब 238 कंपनियों को मंत्रालय की ओर से चिन्हित किया गया था, जिन्होंने पब्लिक इश्यू के जरिए फंड जुटाया है। उन्होंने बताया कि बाद में इनमें से करीब 160 कंपनियों को सूची से हटा दिया गया क्योंकि इनका पता लगाया गया था, जबकि इनमे से 78 कंपनियां अब भी लापता हैं उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।