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काले धन की घोषणा नहीं की तो लगेगा 137 फीसद टैक्स

पीएमजीकेवाई के तहत काले धन की घोषणा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च जल्दी ही आने वाली है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 01:09 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 03:00 PM (IST)
काले धन की घोषणा नहीं की तो लगेगा 137 फीसद टैक्स
काले धन की घोषणा नहीं की तो लगेगा 137 फीसद टैक्स

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत काले धन की घोषणा करने की अंतिम तारीख 31 मार्च जल्दी ही आने वाली है। ऐसे में आयकर विभाग ने काला धन रखने वालों को चेतावनी दी है कि वे स्कीम के तहत काले धन की घोषणा करें या फिर बेनामी लेनदेन कानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहें। विभाग ने कहा कि योजना में घोषणा न करने वाले डिफाल्टरों के नाम दूसरे केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी दे दिये जाएंगे। ऐसे लोगों पर 137 फीसद तक टैक्स व जुर्माना लगाया जा सकता है।

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आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि काले धन की घोषणा करने और विभाग की कार्रवाई से बचने का यह आखिरी मौका है। स्कीम बंद होने के बाद अघोषित राशि बैंक खातों में जमा करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने इसकी घोषणा नहीं की है। पीएमजीकेवाई के तहत बैंक खाते में जमा राशि की घोषणा न करने वालों पर टैक्स, पेनाल्टी व ब्याज मिलाकर 137 फीसद तक जमा करना पड़ेगा। विभाग हाल में पारित बेनामी लेनदेन कानून के तहत डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकिचाएगा।

अधिकारी के अनुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ऑपरेशन क्लीन मनी या पीएमजीकेवाई के तहत अवैध जमाराशि की घोषणा न करने वालों के खिलाफ मुकदमा दायर करने का आयकर अधिकारियों को निर्देश दिया है। आयकर विभाग के अनुसार काले धन की घोषणा न करने वालों के केस सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय और दूसरे एजेंसियों को भी जांच के लिए भेजे जाएंगे। ये एजेंसियां भ्रष्टाचार और मनी लांडिंग के लिहाज से इन केसों की जांच कर सकती हैं।

अधिकारियों ने अपने या दूसरों के बैंक खातों में बड़ी राशि जमा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के क्रम में पूरे देश में 1500 से यादा सर्वे किये गये। इनमें सबसे यादा 350 सर्वे कर्नाटक व गोवा में किये गये। दिल्ली में 250 लोगों के खिलाफ सर्वे की कार्रवाई की गई। विभाग ने पेट्रोल पंप, रियल एस्टेट डवलपर्स, वैलर्स, कोऑपरेटिव सोसायटी में जमाकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों और असंगठित मजदूरों को काम पर लगाने वाले ठेकेदारों को निशाने पर लिया है क्योंकि इन लोगों पर काले धन के इस्तेमाल का यादा शक होता है।

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