बिटकॉइन से जुड़ी 13 दिलचस्प बातें जो आपको शायद ही कोई बताए
बिटकॉइन इस पूरे साल चर्चा में रहा है। हम अपनी इस खबर में आपको इससे जुड़ी दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत में फरवरी 2017 से चर्चा में रहा बिटकॉइन एक रिकॉर्ड हाई छूने के बाद भारी गिरावट दर्ज करा चुका है। अमिताभ बच्चन उन प्रमुख नामों में शुमार हैं जिन्होंने इसके जरिए करोड़ों की कमाई की लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी कमाई स्वाहा हो गई। सुरक्षा के मद्देनजर बिटकॉइन से जुड़ी तमाम बातें अब तक सामने आ चुकी हैं, लेकिन हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको बिटकॉइन से जुड़ी 10 ऐसी दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको शायद ही कोई बताएगा।
सीमित है बिटकॉइन की सप्लाई: बिटकॉइन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसकी सप्लाई (आपूर्ति) 21 मिलियन तक ही सीमित है। अभी तक करीब 16.7 मिलियन बिटकॉइन बाजार में जारी किए जा चुके हैं। औसत रूप से 12.5 सिक्के हर दसवें मिनट में माइनिंग के जरिए जारी किए जा रहे हैं। इसमें एक बड़ा ग्लोबल कंप्यूटर नेटवर्क है जो कि एक कॉम्प्लैक्स (कठिन) एल्गोरिदम को हल कर नए बिटकॉइन रिवार्ड के रुप में देता है।
बिटकॉइन माइनिंग की एनर्जी कॉस्ट है काफी ज्यादा: जैसे ही कीमतें बढ़ती हैं ज्यादा संख्या में माइनर बाजार में उतरते हैं ताकि ऊर्जा की खपत को आगे बढ़ाया जा सके। एक हालिया अनुमान बताता है कि एक बिटकॉइन के लेनदेन में करीब 215 किलोवॉट/ऑवर की ऊर्जा लागत (एनर्जी कॉस्ट) लगती है। एक आंकड़े के मुताबिक प्रति दिन 300,000 बिटकॉइन का लेनदेन होता है।
अगर आप बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं तो इसे पूरा खरीदने की जरूरत नहीं: बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सैटोशी होती है। इसका नाम इस क्रिप्टोकरेंसी को इजाद करने वाले व्यक्ति सैटोशी नाकामोटो के नाम पर ही पड़ा है। एक सैटोशी बिटकॉइन का सौ करोड़वां हिस्सा है। यानी एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सैटोशी होते हैं।
15 बिलियन डॉलर की कीमत वाले बिटकॉइन हो चुके हैं चोरी, अब तक नहीं हुए रिकवर: अभी तक करीब 980,000 बिटकॉइन चोरी हो चुके हैं। ये या तो एक्सचेंज से चोरी हुए हैं, या फिर हैकर्स और इनसाइडर की ओर से। इनकी रकम करेंट एक्सचेंज रेट के हिसाब से 15 बिलियन डॉलर की बैठती है। हालांकि कुछ की रिकवरी हो चुकी है।
कोई नहीं जानता किसने बनाया है बिटकॉइन: बिटकॉइन किसने बनाया है इसका पता लगाने की कई बार कोशिशें की गई, जिसमें कई दावे सामने आए। लेकिन हम अब भी नहीं जान पाए हैं कि सैटोशी नाकामोटो आखिर हैं कौन? ऐसा मालूम होता है कि यह एक काल्पनिक नाम है जिसे इसके डेवलपर्स और इंडीविजुअल की ओर से गढ़ा गया है।
इसका मार्केट कैप सिटीग्रुप और वीजा से बड़ा है: सिस्टम के लिए अब तक जारी की जा चुके कुल बिटकॉइन की कुल वैल्यू 283 बिलियन डॉलर की है। यह वैल्यू इसके मार्केट कैप को दोगुना बनाती है। इसका कुल मार्केट कैप ब्लैकरॉक और सिटीग्रुप के कुल मार्केट कैप से भी ज्यादा है।
बिटकॉइन के 1000 से ज्यादा प्रतिस्पर्धी: बिटकॉइन एकलौती क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। एक ट्रेड वेबसाइट के मुताबिक इसके कुल 1000 प्रतिस्पर्धी हैं।
50 फीसद बिटकॉइन को अभी तक खर्च नहीं किया जा सका: जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 16.7 मिलियन बिटकॉइन जारी किए जा चुके हैं और लोगों की पहुंच में हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश को खर्च नहीं किया जा सका है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ लोग अपना पासवर्ड भूल चुके हैं, दुर्घटना से वो खो चुके हैं, लोगों ने इसे जमा करके रखा हुआ है या फिर इनके मालिक इन सिक्कों के बारे में भूल चुके हैं। यह जानना पूरी तरह से असंभव है कि कितने बिटकॉइन स्थाई रूप से
प्रत्येक बिटकॉइन के लेनदेन की प्रक्रिया में खर्च होते हैं इतने रुपए, जानिए: बिटकॉइन ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करने के लिए जो फीस अदा की जाती है वो बीते कुछ सालों में बढ़ी है। आज के समय में हर बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन की लागत 7.30 डॉलर है। यह जानकारी एक ट्रेड वेबसाइट के जरिए सामने आई है।
न्यूजीलैंड की जीडीपी भी बिटकॉइन से कम: कृषि एवं पर्यटन प्रधान देश न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था 185 बिलियन डॉलर की है। यह जानकारी वर्ल्ड बैंक के जुलाई महीने के डेटा के आधार पर है। यह बिटकॉइन की कैपिटलाइजेशन से करीब पांच अरब डॉलर ही कम है। इसकी वैल्युएशन कतर, कुवैत और हंगरी जैसे देशों से भी ज्यादा है।
गोल्डमैन सेक्स और यूबीएस की वैल्यु भी कम: दुनिया के दो सबसे ज्यादा पूंजी वाले बैंक गोल्डमैन सेक्स और यूबीएस की वैल्यु भी बिटकॉइन से कम है। गोल्डमैन सेक्स ग्रुप इंक की मार्केट कैप शुक्रवार को 97 बिलियन डॉलर थी जबकि ज्यूरिक के यूबीएस ग्रुप एजी, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा वेल्थ मैनेजर है, की कैप 67 बिलियन डॉलर है। मसलन, इन दोनों बैंकों की कुल मार्केट कैप भी बिटकॉइन की वैल्यु से कम है।
बोइंग भी बिटकॉइन से पीछे: बोइंग कॉरपोरेशन की मार्केट कैप 162 बिलियन डॉलर है जो कि बिटकॉइन की 190 बिलियन डॉलर की वैल्युएशन से कम है। शिकागो कि यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एरोस्पेस फर्म है। यह 100 साल से भी ज्यादा पुरानी कंपनी है जिसमें 1,40,000 लोग दुनिया के 65 देशों में कार्यरत है। यह जानकारी बोइंग की वेबसाइट के आदार पर है। वहीं, इसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी एयरबस एसई की मार्केट वैल्यु 66 बिलियन यूरो (78 बिलियन डॉलर) है।
बिल गेट्स और वॉरेन बफेट की संपत्ति भी बिटकॉइन की वैल्यु से कम: बिल गेट्स और वॉरेन बफेट ब्लूमबर्ग के बिलिनियेर इंडेक्स में टॉप पर रहते हैं। गेट्स की संपत्ति 90 बिलियन डॉलर और बफेट की 83 बिलियन डॉलर है।
आखिर है क्या बिटकॉइन?
केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि पहली बात यह है कि बिटकॉइन कोई करेंसी नहीं है। करेंसी की परिभाषा के मुताबिक किसी भी देश की मुद्रा में कुछ की हफ्तों के भीतर दोगुने और तीन गुने तक का उछाल नहीं आता है, क्योंकि मुद्रा स्थिर होती है और इसका इस्तेमाल लेन-देन में किया जाता है। बिटकॉइन हाल ही में 11000 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था और वो इसके बाद गिरकर 9000 डॉलकर पर आ गया। हालांकि कुछ दिन बाद ही इसने 18000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। कोई भी मुद्रा इस तरह का उतार-चढ़ाव नहीं आता है। ऐसी अस्थितरता सामान्यतया: किसी निवेश विकल्प में ही आ सकती है।
मुनाफा नहीं बिटक्वाइन के खतरे समझें:
केडिया ने बताया कि जिस तरह से शेयर मार्केट पर निगरानी रखने के लिए सेबी जैसा नियामक स्थापित किया गया है लेकिन बिटकॉइन का कोई नियामक नहीं है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राइवेट प्लेयर संचालित करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बिटकॉइन की खरीद डिजिटल माध्यम से की जाती है। ऐसे में अगर मान लीजिए कि कोई आपका सिस्टम हैक कर ले और आपका बिटकॉइन चुरा ले तो आप अपनी शिकायत किसे सुनाने जाएंगे। आपके पास रोने के सिवाय कोई दूसरा चारा नहीं होगा। केडिया ने कहा कि आरबीआई हाल ही में भारत के निवेशकों को सर्तक करते हुए कह चुका है कि यह पूरी तरह से अवैध है और उन्हें इसमें निवेश नहीं करना चाहिए। केंद्रीय बैंक का कहना है कि वो बिटकॉइन को नहीं जानता है और न ही वो इसका नियमन करता है।