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NPS में शामिल होने की उम्र बढ़ी, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

एनपीएस में शामिल होने के लिए उम्र सीमा को बढ़ाए जाने से ज्यादा से ज्यादा लोग इसके फायदे के दायरे में आ सकेंगे

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 02 Nov 2017 12:39 PM (IST)Updated: Thu, 02 Nov 2017 02:37 PM (IST)
NPS में शामिल होने की उम्र बढ़ी, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें
NPS में शामिल होने की उम्र बढ़ी, जानें इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली (जेएनएन)। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने निजी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में शामिल होने की अधिकतम आयु में इजाफा कर दिया है। अब आप 65 वर्ष की उम्र में भी इस योजना का फायदा ले सकते हैं। पहले इसके लिए 60 वर्ष की उम्र निर्धारित थी।

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क्या होगा इसका फायदा: इससे ज्यादा संख्या में लोग पेंशन के दायरे में आ पाएंगे। साथ ही एनपीएस अकाउंट खोलने की प्रक्रिया को और आसान बना दिया गया है। इसे आप ऑनलाइन माध्यम से भी खोल सकते हैं। हाल ही में हुए ताजा बदलावों के बाद कोई भी भारतीय नागरिक 60 से लेकर 65 वर्ष की उम्र तक यह खाता खुलवा सकता है। यह खाता 70 वर्ष की उम्र तक चालू रह सकता है।

वित्त मंत्रालय ने एनपीएस में शामिल होने के लिए उम्र सीमा को बढ़ाए जाने के पीछे का तर्क समझाते हुए कहा, “बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और बढ़ती फिटनेस, अवसरों के साथ निजी क्षेत्र में उपलब्ध विकल्पों एवं स्व-रोजगार की क्षमता में इजाफे के कारण, 50 या 60 के दशक में अधिक से अधिक लोग अब एक सक्रिय जीवन जी रहे हैं जिससे उन्हें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिल रही है।”

जानिए नेशनल पेंशन स्कीम से जुड़ी 10 अहम बातें

  • 60 वर्ष की उम्र के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले व्यक्ति के पास पेंशन निधि के साथ-साथ निवेश का विकल्प भी होगा। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे कि 60 वर्ष से पहले एनपीएस में शामिल होने वाले लोगों के लिए एनपीएस के तहत उपलब्ध कराया जाता है।
  • 60 वर्ष की उम्र के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले व्यक्तियों को 3 वर्ष पूरे होने के बाद एनपीएस से सामान्य निकासी की सुविधा दी जाती है।
  • लेकिन इस निकासी के दौरान सब्सक्राइबर्स को कुल मिलने वाली राशि का 40 फीसद हिस्सा एन्युटी में खर्च करना होगा और बाकी की राशि उसे एकमुश्त दे दी जाएगी।
  • अगर एनपीएस एन्युटी की बात करें तो एन्युटी एक तरह की रेगुलर पेमेंट होती है। यह एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर की ओर से सब्सक्राइबर्स को एनपीएस से निकल जाने के बाद मिलती रहती है।
  • कोई भी सब्सक्राइबर्स तीन वर्ष पूरे होने के बाद एनपीएस से निकल सकता है, लेकिन इस स्थिति में सब्सक्राइबर्स को अपने कॉर्पस के कुल में से 80 फीसद हिस्सा एन्युटी खरीदने में करना होगा, बाकी की बची राशि को एकमुश्त निकाला जा सकता है।
  • अगर एनपीएस में बने रहते हुए सब्सक्राइबर्स की अचानक मौत हो जाती है, तो पूरा कॉर्पस सब्सक्राइबर्स के नॉमिनी को दे दिया जाता है।
  • एनपीएस में शामिल होने की उम्र सीमा में इजाफा किए जाने से उन ग्राहकों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे जिनका रोजगार खत्म होने वाला है और वो सेवानिवृत्ति के समय में एकमुश्त राशि की उम्मीद कर रहे हैं।
  • कोई भी व्यक्ति पेशेवर निधि प्रबंधक की मदद से बेहतर फंड प्रबंधन के लिए एकमुश्त राशि को एनपीएस के लिए योगदान दे सकता है। ऐसे में वह कुछ दिन बाद अपनी रेगुलर इनकम सुनिश्चित कर सकता है।
  • एनपीएस स्कीम में एन्युटी रेट का ज्यादा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो अधिक उम्र में अपने खाते से पैसा निकालेंगे।
  • वित्त मंत्री ने बताया, “सरकार की यह पहल समाज के एक विशेष वर्ग खासकर के वरिष्ठतम लोगों को एनपीएस के फायदे के दायरे में लाने में मदद करेगी।”

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