होम लोन शिफ्ट करें तो इन बातों का रखें ध्यान
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में कमी के बाद तकरीबन सभी बैंकों व कर्जदाताओं को बेस रेट घटाने पड़े हैं। ऐसे में बहुत से लोग होम लोन ऐसे बैंक को शिफ्ट करना चाहते हैं जिसका बेस रेट सबसे कम हो।
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में कमी के बाद तकरीबन सभी बैंकों व कर्जदाताओं को बेस रेट घटाने पड़े हैं। ऐसे में बहुत से लोग होम लोन ऐसे बैंक को शिफ्ट करना चाहते हैं जिसका बेस रेट सबसे कम हो। ऐसा करते वक्त कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। वजह यह है कि होम लोन में केवल ब्याज दर की ही अहमियत नहीं होती। लिहाजा, उसे शिफ्ट करने से पहले कुछ अन्य बातों पर ध्यान देना जरूरी है। ये
हैं-
पहले मौजूदा बैंक से बात करें होम लोन शिफ्ट करने में उन सारी प्रक्रियाओं को फिर से पूरा करना पड़ता है जो पहला होम लोन लेते वक्त करनी पड़ी थीं। फिर नया होम लोन प्रदाता आपकी साख की नए सिरे से समीक्षा करेगा। लिहाजा पहले अपनी मौजूदा क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर के अलावा मकान खरीद संबंधी कागजात और कानूनी व तकनीकी पहलुओं की जांच कर लें। नया लोन तभी अप्रूव होगा जब सब कुछ दुरुस्त होगा। समय और प्रयासों की बचत के लिए नए होम लोन प्रदाता के पास जाने से पहले मौजूदा प्रदाता से बात करना हमेशा बेहतर होता है। मौजूदा बैंक से ब्याज दर घटाने अथवा शर्तों में ढील देने का अनुरोध करें।
प्रतिस्पद्र्धात्मक बाजार स्थितियों को देखते हुए अधिकांश बैंक पुराने व नियमित ग्राहकों को बरकरार रखना पसंद करते हैं। इसलिए कुछ न कुछ छूट मिलने की पूरी संभावना है।
बाकी अवधि पर भी विचार करें
ब्याज दरों की तुलना करना आवश्यक है। इसी के साथ यह भी देखें कि कितने समय तक ईएमआइ की अदायगी और करनी है। यदि अभी हाल ही में होम लोन लिया है और ईएमआइ की अदायगी के कुछ वर्ष ही हुए हैं तो कम ब्याज दर के लिए होम लोन शिफ्ट करना फायदेमंद हो सकता है। यदि लोन खत्म होने वाला है तो इससे कुछ खास फायदा होने वाला नहीं है।
लोन शिफ्ट करने की लागत भी देखें
होम लोन स्विच करने पर खर्च आता है। इसमें प्रोसेसिंग फीस, प्रॉपर्टी का मूल्यांकन कराने, कागजात तैयार करवाने, स्टांप ड्यूटी तथा बीमा कराने आदि के खर्च शामिल हैं। इन सबका आकलन करें। यदि कम ब्याज दर से मिलने वाला लाभ इस खर्च से काफी अधिक है तभी होम लोन शिफ्ट करने के लिए आगे बढ़ें।
नेशनल हाउसिंग बैंक ऐसे हाउसिंग
लोन ग्राहकों पर प्री-पेमेंट पेनाल्टी लगाने की इजाजत देने पर विचार कर रहा है जो पहले दो वर्षों में ही बकाया कर्ज राशि दूसरे बैंकों को ट्रांसफर करते हैं। इसलिए होम लोन शिफ्ट करने से पहले एनएचबी के इस संभावित फैसले पर भी नजर रखें।
क्रेडिट स्कोर व रिपोर्ट देखें
होम लोन शिफ्ट करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट अवश्य देख लें। जिस नए बैंक को आप अपना होम लोन शिफ्ट करने जा रहे हैं वह क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया)लिमिटेड (सिबिल) से आपका क्रेडिट स्कोर व रिपोर्ट मंगाकर जरूर देखेगा। यदि क्रेडिट हिस्ट्री कमजोर व क्रेडिट स्कोर कम हुआ तो नया बैंक होम लोन ट्रांसफर का आवेदन अस्वीकार कर सकता है। इसलिए पता कर लें कि
क्रेडिट रिकॉर्ड बढिय़ा हो।
क्रेडिट इंफॉर्मेशन की सुविधा के बाद से रिटेल लेंडिंग के बाजार की ताकत ग्राहकों के हाथ में पहुंच गई है। अब बैंक अच्छे क्रेडिट स्कोर व हिस्ट्री वाले ग्राहकों की तलाश में रहते हैं। ग्राहक अब सही मायने में राजा बनता जा रहा है। लिहाजा, होम लोन से संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले सभी विकल्पों पर विचार करते हुए अत्यंत सूझ-बूझ के साथ आगे बढऩा चाहिए।
हर्शला चंदोरकर
चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, सिबिल