मोबाइल बैंकिंग ही है बैंकों का भविष्य
हाल ही में मैंने जब नौकरी के सिलसिले में आए एक समूह से पूछा कि आप आखिरी बार बैंक ब्रांच में कब गए थे, उनमें से अधिकांश लोग यह नहीं बता पाए। हालांकि, जब मैंने सवाल को पलटते हुए पूछा कि आपने मोबाइल फोन से अपने बैंक से कब संपर्क
हाल ही में मैंने जब नौकरी के सिलसिले में आए एक समूह से पूछा कि आप आखिरी बार बैंक ब्रांच में कब गए थे, उनमें से अधिकांश लोग यह नहीं बता पाए। हालांकि, जब मैंने सवाल को पलटते हुए पूछा कि आपने मोबाइल फोन से अपने बैंक से कब संपर्क किया था, तो उनमें से अधिकांश का जवाब था कुछ दिन या हफ्ते पहले। यही बदलते भारत की हकीकत है। लगभग 95 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन और 30 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन के साथ भारत विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन बाजार है। डिजिटल इंडिया के साथ-साथ जन धन योजना, आधार और मोबाइल (जैम) पर सरकार के ध्यान केंद्रित करने से यह नाटकीय परिवर्तन पिछले कुछ वर्षों में हुआ है। हर भारतीय के लिए बॉयोमेट्रिक पहचान के साथ एक बैंक खाता उपलब्ध कराने की पहल से प्रत्येक नागरिक को काफी लाभ हुआ है। इन खातों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं, छूट और अनुदान का लाभ उन्हें सीधे पहुंचने लगा है।
इसके अतिरिक्त डाटा नेटवर्क मे भी स्मार्टफोन को लगातार स्मार्ट बनाने में भूमिका निभाई है। डाटा और स्मार्टफोन के सहारे नया व्यापार मॉडल विकसित होने लगा है। मोबाइल और डाटा को अपनाने की दर में वृद्धि होने के साथ बैंकों ने भी मोबाइल फोन के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए अपने उत्पादों और सेवा का पुनर्गठन करना शुरू कर दिया है। पांच वर्ष पहले मोबाइल बैंकिंग एसएमएस और यूएसएसडी बैंकिंग का पर्याय
था। हालांकि अब प्रत्येक बैंक के पास विभिन्न प्रकार के कस्टमर की श्रेणियों के अनुसार असंख्य मोबाइल एप्लीकेशन हैं। कई प्रकार के डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध होने के कारण बैंक इन एप्लीकेशन का निर्माण एंड्रॉयड, आइओएस, विंडोज और ब्लैकबेरी के लिए करते हैं। इन सभी एप का मुख्य लक्ष्य
सामान्य लेनदेन और सेवाएं जैसे बैलेंस इंक्वायरी, फंड ट्रांसफर, बिल भुगतान, एफडी और चेकबुक के लिए अनुरोध करने में मदद करना होता है। जैसे-जैसे ग्राहक सेवाओं के उपयोग में वृद्धि करता जाता है, वैसे-वैसे बैंक
नई-नई सुविधाएं प्रदान करना शुरू करते हैं।
आजकल असंख्य बैंक फोन पर 70-80 प्रकार से अधिक लेनदेन करने की अनुमति देते हैं। बस कुछ क्लिक करके कोई भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है। डीमैट होल्डिंग की जांच कर सकता है या आवर्ती यानी आरडी खाते में रकम जमा कर सकता है। इसके कारण न केवल ग्राहकों की सुविधाओं में वृद्धि हुई है, बल्कि बैंक और ग्राहक के बीच संबध भी सुदृढ़ हुआ है। वर्तमान समय में मोबाइल उपयोगकर्ता प्रति माह अपने बैंक खाते से 8-10 बार लेनदेन करता है। साथ ही बैंकों ने संवाद स्थापित करते हुए मोबाइल पर सरलता और बैंकिंग में आनंदमय अनुभव के बारे में बताते हुए कई अभियान शुरू किए हैं। कई कारणों से पिछले एक साल में मोबाइल पर लेनदेन में 200 फीसद (नंवबर, 2014 के 102 अरब के मुकाबले नंवबर, 2015 में 334 अरब रुपये) से अधिक की वृद्धि हुई।
फिलहाल, मोबाइल एप्लीकेशन का अनुभव
बैंकिंग लेनदेन से कहीं आगे बढ़ चुका है। आप अपने बैंकिंग एप के जरिये फ्लाइट का टिकट खरीद सकते हैं, होटल में आरक्षण करा सकते हैं, फोन और डीटीएच का रिचार्ज करा सकते हैं या सिनेमा का टिकट भी खरीद सकते हैं। ऐसी खरीदारी के दौरान बैंकिंग एप का उपयोग करते समय अब आपको अपने वॉलेट या बैंक खाते की जरूरत नहीं होगी। चूंकि बैंक कई विश्लेषणात्मक उपकरणों और अंतरदृष्टि का उपयोग ऐसे उत्पादों का निर्माण करने के लिए करते हैं। ग्राहक भविष्य में अपने बैंकिंग एप पर ऐसी कई सुविधाएं पाने की उम्मीद कर सकते हैं। निवेश, कर्ज, बचत, लेनदेन, भुगतान और शॉपिंग के लिए डिजिटल बैंकिंग शानदार अनुभव प्रदान करता है। सोशल मीडिया चैनल जैसे फेसबुक और ट्विटर का उपयोग कर भी आप बैंक से जुड़ सकते हैं। विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए भी अनुरोध कर सकते हैं। कम मूलवर्ग के फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। अपनी पसंद की पुस्तक खरीद सकते हैं या सिनेमा देख सकते हैं। मोबाइल सोशल मीडिया, विश्लेषण की ओर झुकाव बड़े पैमाने में आम जनता में जागृति उत्पन्न करेगा।
बैंकों ने इस प्रकार के उत्पादों की पेशकश करने के लिए स्टार्ट अप, फिनटेक और अन्य तमाम खिलाडिय़ों के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। बैंक एप्लीकेशन को सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास करते हैं, तो
भी मोबाइल का उपयोग करते समय सुरक्षा बनाए रखना ग्राहकों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्हें प्ले स्टोर/ एप स्टोर से असली एप इंस्टॉल करना चाहिए।
दीपक शर्मा
एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट एवं हेड डिजिटल इनिसिएटिव
कोटक महिंद्रा बैंक