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संसद सत्र पर टिकीं बाजार की नजरें

पिछले कुछ हफ्ते से बाजार में चल रही गिरावट का क्रम अब थमने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में सुधार, सरकार के आर्थिक सुधार की तरफ बढ़ते कदम और राजकोषीय और चालू खाते के घाटे का नियंत्रण में रहना, देश के लिए सकारात्मक साबित होगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2015 11:52 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2015 12:32 PM (IST)
संसद सत्र पर टिकीं बाजार की नजरें

पिछले कुछ हफ्ते से बाजार में चल रही गिरावट का क्रम अब थमने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में सुधार, सरकार के आर्थिक सुधार की तरफ बढ़ते कदम और राजकोषीय और चालू खाते के घाटे का नियंत्रण में रहना, देश के लिए सकारात्मक साबित होगा। अलबत्ता कमोडिटी की कीमतों में गिरावट का रुख मेटल व माइनिंग क्षेत्र के लिए चिंता का कारण है। सड़क निर्माण के लक्ष्य में 50 फीसद की वृद्धि कर उसे अगले वित्त वर्ष में 1,500 किलोमीटर करना सिविल कंस्ट्रक्शन और सीमेंट कंपनियों के शेयरों के लिए फायदेमंद होगा।

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हालांकि अमेरिका में दिसंबर में ब्याज बढ़ती है तो यह सभी उभरते बाजारों को प्रभावित करेगी। वैसे भारत 340 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ब्याज दरों में वृद्धि से होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। ग्लोबल स्तर पर भी काफी लिक्विडिटी भी उपलब्ध है, क्योंकि यूरोपीय सेंट्रल बैंक, जापान और चीन लिक्विडिटी बढ़ाने के कार्यक्रमों के साथ तैयार हैं। बाजार के खिलाड़ियों का पूरा ध्यान अब 26 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र पर रहेगा। खासतौर पर बाजार की नजर जीएसटी संशोधन विधेयक और भूमि अधिग्रहण कानून के भविष्य पर लगी हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर इन दोनों कानूनों को आर्थिक सुधारों का बड़ा हिस्सा माना जा रहा है। इस सप्ताह सोमवार को थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की दर पर नजर रखनी होगी। बाजार को इसमें मामूली वृद्धि की उम्मीद है। सितंबर में यह शून्य से 4.54 फीसद नीचे थी, जो अक्टूबर में बढ़कर शून्य से 3.65 नीचे हो सकती है। ऐसा कुछ प्राइमरी आर्टिकल्स की कीमतों में वृद्धि होने की वजह से होगा। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का एलान कर दिया।

लिहाजा बाजार में पेट्रोलियम कंपनियों के शेयर मांग में रह सकते हैं, क्योंकि मुनाफा बढ़ने की उम्मीद से इनका आकर्षण भी बढ़ेगा। ग्लोबल स्तर पर अमेरिका में खुदरा महंगाई के आंकड़े मंगलवार को आएंगे। साथ ही अमेरिकी औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी उसी दिन जारी होंगे। बुधवार को अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी यानी एफओएमसी की बैठक के मिनट्स और वहीं के हाउसिंग के आंकड़े भी जारी होंगे। बाजार की नजर इन पर रहेगी, क्योंकि ये आंकड़े घरेलू शेयर बाजार के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होते हैं।


संदीप पारवाल
एमडी , एसपीए
कैपिटल्स


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