नोटबंदी के बाद नकद निकासी में आ रही है भारी कमी, डिजिटल पेमेंट सर्विस में हाथ आजमाएगी वॉट्सएप
केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद नकद निकासी में तेज गिरावट आई है।
नई दिल्ली: सरकार की नोटबंदी की मुहिम रंग लाती दिख रही है। नोटबंदी के बाद नकद निकासी में तेज गिरावट आई है। आंकड़े इसका सुबूत देते हैं। 24 मार्च को समाप्त सप्ताह में नकद निकासी घटकर 32 हजार 500 करोड़ रुपये रह गई। यह 13 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 52 हजार 800 करोड़ रुपये थी। एसबीआइ रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार एक हफ्ते के अंतराल में (17 मार्च से 24 मार्च के बीच) ही नकद निकासी में दो हजार करोड़ रुपये की कमी आई है। दिलचस्प यह है कि 13 मार्च से निकासी पर सीमा को पूरी तरह खत्म कर दिया गया था। बावजूद इसके नकद निकासी में गिरावट देखने को मिली है। यही नहीं, एक अप्रैल से दो लाख रुपये से अधिक के नकद ट्रांजैक्शन पर रोक भी नकद निकासी में और कमी आने का कारण हो सकती है। वैसे रिपोर्ट में नकद निकासी में कमी के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई गई है। लेकिन नकद निकासी पर कड़ी निगरानी और डिजिटल भुगतान का बढ़ता चलन इसके कारण हो सकते हैं। रिपोर्ट कहती है कि नकद निकासी में गिरावट के रुझान का आरबीआइ की तरलता प्रबंधन नीति पर भी असर होगा। काले धन पर अंकुश लगाने के मकसद से बीते साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने का एलान किया था।
डिजिटल पेमेंट सर्विस में हाथ आजमाएगी वॉट्सएप
फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेजिंग एप कंपनी वॉट्सएप भारत में जल्द डिजिटल पेमेंट सर्विस में उतर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो वॉट्सएप के जरिये भी डिजिटल ट्रांजैक्शन हो सकेगा। वह भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन हेड की तलाश कर रही है। नोटबंदी के बाद देश में बढ़ते ऑनलाइन लेनदेन को देखते हुए कंपनी यह कदम उठाने जा रही है। फरवरी में वॉट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने आइटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की थी। इस दौरान ब्रायन ने चर्चा की थी कि कैसे कंपनी देश के डिजिटल कॉमर्स सेक्टर में योगदान दे सकती है।