कभी आश्वासन देने भी नहीं आए जनप्रतिनिधि
बगहा। बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ पंचायत स्थित हरनाटांड़-खजुरिया मुख्य पथ पर एक पहाड़ी नाले पर बनी भेड़ि
बगहा। बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ पंचायत स्थित हरनाटांड़-खजुरिया मुख्य पथ पर एक पहाड़ी नाले पर बनी भेड़िहरवा पुल करीब एक दशक से क्षतिग्रस्त अवस्था में है। निर्माण के महज दो वर्षों के बाद ही पहाड़ी नदी में आई बाढ़ के कारण पुलिया टूट कर दो भागों में बंट कर क्षतिग्रस्त हो गई। बताते चलें कि उक्त पहाड़ी नाले पर नए पुलिया का निर्माण नहीं होने से खजुरिया गांव के ग्रामीणों में आक्रोश है। इतना ही नहीं इसी मुख्य सड़क पर करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर खजुरिया गांव के समीप एक और पहाड़ी नाले पर बनी दूसरी पुलिया भी पहाड़ी नदी में आई बाढ़ के चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गई है। दोनों पुलिया का निर्माण अभी तक नहीं किए जाने से ग्रामीणों में रोष है। मालूम हो कि मुख्य सड़क से दुपहिया वाहन तो जैसे तैसे अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने गंतव्य तक आते जाते हैं। परंतु चार पहिया वाहनों की आवाजाही इस मार्ग से बिल्कुल बंद रहती है।
---------------------------------
आवागमन में होती परेशानी
यहां बता दें कि उक्त पुलिया एक दो गांव नहीं , बल्कि कई पंचायतों को हरनाटांड़ से जोड़ती है। राहगीरों व ग्रामीणों को हरनाटांड़ तक आने जाने के लिए तकरीबन एक किमी की दूरी तय करने के बजाए 6 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। वही संध्या होते ही इस रास्ते से दोपहिया वाहनों का भी आवागमन बंद हो जाता है। बताते चलें कि अभी तो ठीक है लेकिन बरसात के समय में इस पुलिया में पहाड़ी नदी की बाढ़ का पानी जमा हो जाता है। जिसकी वजह से लोगों का आवागमन बाधित रहता है। सबसे अधिक समस्या तो स्कूली बच्चों को होती है। बच्चे इस रास्ते से स्कूल से जाने में कतराते हैं क्योंकि उक्त पुलिया के नीचे हमेशा पहाड़ी नदी का पानी जमा रहता है।
-------------
कई लोगों की जा चुकी है जान
भेड़िहरवा पुल जिसे हादसों के पुल के नाम से जाना जाता है। क्योंकि बीते एक दशक के भीतर इस क्षतिग्रस्त पुलिया की चपेट में आकर तकरीबन एक दर्जन से भी अधिक लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं तो न जाने कितने लोग अपाहिज हो गए हैं। इतना ही नहीं इस पुलिया से जुड़ने वाले मुख्य सड़क का भी काफी बुरा हाल है। सड़क के दोनों किनारे पर काफी बड़े बड़े गड्ढे पर पड़े हैं तो सड़क भी टूटकर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रामीणों की माने तो इन दोनों पुलियों की बात छोड़ दे तो बीते दिनों क्षेत्र में कोई नए नए पुल-पुलियों की आधारशिला रखी गई । परंतु इन दो पुलियों की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है।
---------------------
ग्रामीणों में आक्रोश
खजुरिया गांव के ग्रामीण रूपनारायण काजी, दिनेश महतो, गोपाली चौधरी, भागीरथ महतो, भीखम काजी, रामनारायण चौधरी व द्वारिका महतो आदि ने बताया कि बीते एक दशक से किसी भी जनप्रतिनिधि ने हमारी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया है। केवल चुनाव में वोट मांगने चले आते हैं और वादा करके चले जाते हैं, लेकिन समस्या जस की तस रहती है। यही नहीं चुनाव जीतने के बाद बेइंतहा दर्द पर आश्वासन का मरहम भी लगाने जनप्रतिनिधि नहीं आते हैं ।
-------------------------------------
बयान ---
दोनों पुल के निर्माण के लिए मैंने प्रयास किया है। पुल निर्माण की योजना स्वीकृत हो चुकी है। टेंडर की प्रक्रिया में है। शीघ्र ही वहां के लोगों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
धीरेंद्र प्रताप ¨सह, विधायक, वाल्मीकि नगर