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फिर आएगी एमसीआइ, खंगालेगी कुंडली

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया में एक बार फिर एमसीआइ की टीम धावा बोल सकती है। हालांकि इस संदर्भ में कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं लेकिन विभागीय जानकारों की मानें तो 26 अक्टूबर तक टीम के आने की प्रबल संभावना है।

By Edited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 03:01 AM (IST)
फिर आएगी एमसीआइ, खंगालेगी कुंडली

बेतिया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया में एक बार फिर एमसीआइ की टीम धावा बोल सकती है। हालांकि इस संदर्भ में कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं लेकिन विभागीय जानकारों की मानें तो 26 अक्टूबर तक टीम के आने की प्रबल संभावना है। कारण एमसीआइ की ओर से सूबे के तकरीबन सभी मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण किया जा चुका है। कुछ ही कॉलेज शेष बचे हैं। इनमें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भी है। कॉलेज में सरगर्मी बढ़ गयी है। विभागों को अपडेट करने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। विभागाध्यक्ष अपने विभाग की स्थिति को दुरुस्त करने में लगे हुए है। वेतन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया एवं ड्यूटी पटना में करने वाले चिकित्सक भी फिलहाल बेतिया में ही ठहरे हुए है। कब टीम की धमक हो जाए इसको लेकर वे वर्तमान में स्थानीय स्तर पर ही निवास कर रहे है। इतना ही नहंी इसको लेकर कॉलेज के प्राचार्य डा. राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को स्वयं मॉक निरीक्षण किया। इस दौरान वे इएनटी, ओपीडी, एनाटॉमी, लैब, लाइब्रेरी सहित कई विभागों की पड़ताल की। एक एक बिन्दुओं की जानकारी ली। कौन चिकित्सक, प्रोफेसर उपलब्ध है तथा कौन से गायब है इसकी खोज खबर भी प्राचार्य ने ली। जूनियर चिकित्सकों से सीनियर का और सीनियर से जूनियर चिकित्सकों का हाल जाना। मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं से भी रूबरू हुए। दवाओं की स्थिति, बेड पर चादर, बेडों की हालत की समीक्षा भी की। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आम लोगों को जागरूक करने के लिए तैयार स्लोगन वाले बोर्ड का भी जायजा लिया। रैगिंग से सुरक्षा के लिए गठित रैगिंग सेल व कमेटी का भी हाल जाना। छात्र छात्राओं से भी फीडबैक लिया। कॉलेज परिसर में स्पष्ट शब्दों में सभी दीवारों पर एनटी रैगिंग सेल की जानकारी तथा दूरभाष संख्या अविलंब अंकित कराने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया। हालांकि यह तैयारी कितनी कारगर साबित होगी यह तो समय ही तय करेगा लेकिन फिलहाल सबकुछ अपडेट करने की कवायद जोरों पर है।


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