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लकड़बग्घा ऐसा तो बाघ कैसा होगा ..

बगहा। सुनीता सातवीं कक्षा की छात्रा है। जब गुरुवार की देर शाम में गांव में लकड़बग्घा आया था व लोगों

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 03:00 AM (IST)
लकड़बग्घा ऐसा तो बाघ कैसा होगा ..
लकड़बग्घा ऐसा तो बाघ कैसा होगा ..

बगहा। सुनीता सातवीं कक्षा की छात्रा है। जब गुरुवार की देर शाम में गांव में लकड़बग्घा आया था व लोगों पर ताबड़तोड़ हमला कर रहा था तो वह अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी। मुख्य सड़क से होकर लकड़बग्घा गांव के बाहर जा रहा था। सुनीता ने लकड़बग्घा को जाते देखा। वह काफी दहशत में है। पहले तो गांव में हल्ला हुआ कि बाघ आया है। फिर जब वन विभाग वाले आए और जांच कर बताया कि यह बाघ नहीं , लकड़बग्घा था। तब सुनीता और भयभीत है। वह कहती है कि बाप रे बार , अगर लकड़बग्घा ऐसा है तो बाघ कैसा होगा। हालांकि गांव के अन्य लोग भी काफी भयभीत हैं। उल्लेखनीय है कि

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लौकरिया थाना अंतर्गत बिनवलिया गांव व सरेह में गुरुवार की देर रात एक घंटों तक एक लकड़बग्घा का आतंक मचा रहा। उक्त लकड़बग्घे के हमले से बिनवलिया गांव के पांच लोग बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। जिन्हें आनन फानन में उनके परिजनों ने उपचार के लिए हरनाटांड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया। घायलों की पहचान बिनवलिया गांव निवासी मदन महतो, श्यामसुन्दर पटवारी, प्रदीप महतो, कृष्णमोहन महतो व तेतर महतो के रूप में कई गई है। उक्त पीएचसी में मौजूद चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र काजी ने सभी का इलाज किया। जिसमें से मदन महतो और श्यामसुन्दर पटवारी की स्थिति गंभीर देखकर उन्हें रेफर कर दिया गया। जिनका इलाज स्थानीय निजी अस्पताल सुनैना स्मृति सेवा संस्थान में डॉ. कृष्णमोहन राय ने किया।

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लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता

घटना की सूचना मिलते ही हरनाटांड़ वन क्षेत्र के रेंजर रमेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम शुक्रवार की अहले सुबह बिनवलिया गांव पहुंच कर घटना की जांच शुरू की। साथ ही उक्त जंगली जानवर की खोज बीन के लिए वन कर्मियों की एक टीम को लगाया। मौके पर पहुंचे रेंजर श्री श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीणों से मिली सूचना के आधार पर उक्त जंगली जानवर के पग मार्क की जांच की गई। जिसमें हमला करने वाला जानवर जंगली जानवर लकड़बग्घा पाया गया है। रेंजर ने बताया कि उक्त लकड़बग्घे की खोजबीन तथा उसकी गतिविधि पर नजर रखने के लिए वन कर्मियों की एक टीम को लगाया गया है। वही वनकर्मियों की टीम बिनवलिया गांव तथा आसपास के सरेह में सर्च ऑपरेशन चला रही है। रेंजर ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा है कि गांव से जंगल का क्षेत्र खुला है। ऐसे में जंगली जानवरों का आना जाना लगा रहता है इसलिए लोग सतर्कता बरतें।

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घायलों को मिले उचित मुआवजा

बिनवलिया बोदसर पंचायत के मुखिया इंद्रदेव पासवान ने बताया कि गुरुवार की देर रात जंगल से भटककर एक जंगली जानवर के उत्पात से पांच लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। जानवर की पहचान नहीं हो पाई थी लेकिन ग्रामीणों ने बाघ का हमला बताकर दहशत में दिख रहे हैं। परंतु वन विभाग के पदाधिकारियों की जांच में यह उजागर हुआ कि लकड़बग्घा था। मुखिया ने वन विभाग के अधिकारियों से पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

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इनसेट ----

.. और ठहाका लगाता है लकड़बग्घा

जानकार बताते है कि लकड़बग्घा एक स्तनधारी जंगली जानवर है। वह विभिन्न प्रकार की बोली बोलता है। उसका ठहाका बहुत ही प्रचलित है। बताया जाता है कि जब इसे अच्छा भोजन मिलता है तो यह जोर - जोर से ठहाका लगाता है। इसके शरीर से काफी दुर्गंध आती है। इसकी औसत उम्र 20 होती है। यह बीमारी से मरे जानवारों के मांस को भी खाते हैं। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगल में धारीदार लकड़बग्घे पाए जाते हैं। जंगल में पर्यावरण की रक्षा में इनका बड़ा योगदान है। ये जंगल में भ्रमण करते रहते हैं और अगर कोई जानवर बीमारी से मरा है तो उसके मांस और हड्डी को भी खा जाते हैं।


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