दिलचस्प प्रेम कहानी: मजहबी दीवार को लांघ, थामा तलाकशुदा युवती का हाथ
पश्चिमी चंपारण के रामनगर में एक ऐसा मामला सामने अाया है जो मानवता की मिसाल पेश करता है। एक युवक ने मजहबी दीवार को लांघ कर एक तलाकशुदा युवती का हाथ थामा है।
प. चंपारण [जेएनएन]। कहते हैं जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं। इंसान तो मात्र उपरवाले की कठपुतली मात्र है। शंभु के साथ मेरी शादी में संयोग का बहुत बड़ा हाथ है। रिश्ते भले ही संयोग से बनते हों, लेकिन उसे निभाने के लिए पति- पत्नी दोनों को कोशिश करनी पड़ती है। पिता ने जिससे मेरी शादी की थी , वह मुझे तलाक दे दिया।
मैंने जब अपनी मर्जी से शादी की तो पिता ने जाति- धर्म की बात कह मेरी शादी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। वह तो मैं हिम्मत नहीं हारी, इसी का परिणाम है कि मैं न्यायालय के आदेश पर अपने पति के साथ हूं। यह कहना है कि पश्चिम चंपारण जिले के गोबर्धना थाना क्षेत्र के बलुहवा गांव में हाल ही में शंभू यादव के साथ भारी पंचायत में शादी करने वाली अफसाना खातून की।
उसने कहा कि मुझे अफसोस है कि मेरे पिता ने मेरी शादी तोड़वाने के लिए मुझे मानसिक रूप से बीमार बना दिया। लेकिन मेडिकल जांच में सबकुछ साफ हो गया। मुझे विश्वास है कि मैं पूरी निष्ठा के साथ इस रिश्ते को निभाऊंगी। जबरन शादी कराने एवं धर्म परिवर्तन की बात पूरी तरह से अफवाह है।
क्या है पूरा मामला
गत नौ मई को रामनगर थाने के सेमरा बड़गो गांव में एक बारात आई थी। बारात में बलुअहवा गांव का शंभु यादव भी गया था। बारात में आर्केस्ट्रा देखने के लिए पुरूषों के साथ महिलाओं की भी भीड़ उमड़ी थी। उसी भीड़ में अफसाना भी खड़ी थी।
महिलाओं की भीड़ में खड़ी अफसाना व शंभु में आंखों- ही - आंखों में प्यार हुआ। फिर दोनों में बात हुई और शंभु के साथ जाने के लिए अफसाना तैयार हो गई। बगैर कुछ सोचे-समझे अफसाना उसी रात शंभु के साथ उसके गांव चली गई।
हालांकि बलुअहवा गांव के लोगों को जो यह जानकारी हुई तो गांव वाले पहले तो काफी नाराज हुए। गांव की मर्यादा खराब करने वाले शंभु को भरी पंचायत में बुलाया गया। लेकिन शंभु अकेले नहीं ,साथ में अफसाना भी आई। उसने अपनी आप बीती बताई तो पंचायत की सहमति से उसी दिन दोनों की शादी हो गई।
क्या हुआ शादी के बाद
घर से तलाकशुदा बेटी के गायब होने व बलुअहवा गांव में जाकर शादी कर लेने की जानकारी जब उसके पिता को मिली तो वे पहले गांव में पहुंचे। वहां के लोगों से बात की और उनकी पुत्री ने जब स्पष्ट रूप से घर जाने से इन्कार कर दिया तो वे रामनगर थाने पहुंचे और अपनी पुत्री को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन शादी करा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करा दी।
पुलिस भी काफी सक्रियता दिखाई। तुरंत बलुअहवा गांव में थानाध्यक्ष विनय मिश्र के साथ पुलिस टीम पहुंची। अफसाना अपने पति के घर में मिली। उसे पुलिस अपने साथ ले गई। थानाध्यक्ष ने बताया कि न्यायालय में महिला का बयान कराया गया। न्यायालय के आदेश पर मेडिकल जांच हुई। फिर न्यायालय ने महिला को अपने पति के घर जाने की अनुमति दी तो उसे उसके पति के घर पहुंचा दिया गया।
तरस नहीं, प्रेम कर किया शादी
बलुअहवा गांव के शंभु (अविवाहित)का कहना है कि भले ही एक शादी में मेरी मुलाकात चंद समय के लिए ही अफसाना से हुई थी। लेकिन प्रेम करने के लिए दिन व महीनों की जरूरत नहीं होती। वह तो पलक झपकते हो जाता है। भले ही अफासाना ने अपनी पूर्व शादी और तलाक की बात मुझे बताई थी। लेकिन मैंने उस पर तरस खाकर नहीं , उसके प्रेम में शादी करने का फैसला लिया।
इस शादी को बचाने के लिए जिस तरह से अफसाना ने संघर्ष किया। उसके प्रति मेरा प्रेम और मजबूत हुआ है। मैं इस रिश्ते को पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ निभाऊंगा। उल्लेखनीय है कि अफसाना की शादी तीन वर्ष पूर्व में हुई थी। पूर्व पति से एक वर्ष पूर्व तलाक हो गया था। उसके बाद अफसाना अपने पिता के घर ही रह रही थी।
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इस मामले में महिला के पिता ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। महिला बलुअहवा गांव में मिली। बयान व मेडिकल के बाद न्यायालय के आदेश पर महिला को उसके पति के घर पहुंचा दिया गया है।
-- विनय मिश्र, थानाध्यक्ष, रामनगर
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