रमपुरवा के एतिहासिक अशोक स्तंभ में पड़ी दरारें
बेतिया। थाना क्षेत्र स्थित रमपुरवा के एतिहासिक अशोक स्तंभ में अब दरारें पड़ने लगी है। इस कारण मोनोलिथ
बेतिया। थाना क्षेत्र स्थित रमपुरवा के एतिहासिक अशोक स्तंभ में अब दरारें पड़ने लगी है। इस कारण मोनोलिथिक अथवा एकाश्म पत्थर से बने अशोक स्तंभ के नष्ट होने की आशंका बलवती होने लगी है। स्तंभ पर सम्राट अशोक द्वारा पाली भाषा में अंकित संदेश भी दिन व प्रतिदिन धूमिल होते जा रहा है। स्तंभ की देखरेख करने वाले योगेंद्र उराव का कहना है कि स्तंभ पर जो आधा अधूरा जो शेड बना था वह भी अब ध्वस्त होने लगा है। कड़ी धूप व बारिश के कारण स्तंभ में दरारें आ गयी हैं। इसकी सूचना उनके द्वारा पुरातत्व विभाग को दी गई है। बावजूद इसके इस दिशा में अब तक कोई पहल होती नजर नहीं आ रही है। यहां बता दें कि एक स्तंभ बहुत पहले ही क्षतिग्रस्त होकर दो भागों में विभाजित हो गया है। जो एक पिलर बचा है वह भी क्षतिग्रस्त होने के कगार पर है। स्थानीय लोगों में इस स्तंभ में पड़ी दरार को देखकर आक्रोश व क्षोभ है। अव्व्ल तो यह है कि 11 नवंबर 2011 को यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आ चुके हैं। उन्होंने इसके बेहतर रखरखाव का आदेश भी दिया था। लेकिन, उनके आदेश के बाद भी स्तंभ को सुरक्षित व संरक्षित करने की कोई ठोस पहल नहीं की गयी। इस कारण अंतत: रखरखाव के अभाव में मौर्यकालीन इस स्तंभ में दरारें आ गई है। गौरतलब हो कि इस स्तंभ को सैकड़ों वर्ष पूर्व एक ही पत्थर से काटकर साबूत रूप में निकाला गया था। इसलिए इसे एकाश्म पत्थर भी कहा जाता है। देश के सुप्रसिद्ध इतिहासकार व दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधकर्ता रोमिला थापर, डीडी कोशांबी व आरएस शर्मा ने भी अपनी पुस्तकों में रमपुरवा स्थित इस स्तंभ की चर्चा की है और इसे अ¨हसा का संदेश देनेवाले स्तंभ के रूप में पहचान दी है।। बौद्ध धर्म के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने वाले इस स्तंभ में आयी दरार से बौद्ध धर्मावल¨बयों में भी निराशा के भाव है।
इनसेट बयान
इसकी जानकारी अबतक मेरे पास नहीं आयी थी। धरोहरों को बचाने की हरसंभव कोशिश होगी। इसके लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखकर उचित संरक्षण के लिए पहल की जाएगी।
अर¨वद मंडल
अनुमंडलाधिकारी
नरकटियागंज
---------------------------------------------