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धरातल पर दम तोड़ रही जन कल्याणकारी योजनाएं

बेतिया। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं धरातल पर कैसे दम तोड़ती है। इसका उदाहरण अनुमंडल

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 01:01 AM (IST)
धरातल पर दम तोड़ रही जन कल्याणकारी योजनाएं

बेतिया। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं धरातल पर कैसे दम तोड़ती है। इसका उदाहरण अनुमंडल क्षेत्र के सभी पांच प्रखंडों में पता चल जाएगा। आरटीपीएस के तहत करीब दो हजार मामले प्रखंड और अंचल स्तर पर लंबित है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, बिहार राज्य नि:शक्तता पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी नि:शक्तता पेंशन योजना, इन्दिरा आवास योजना, दाखिल खारिज, जाति, आय, निवास आदि योजनाओं से संबंधित मामलों के निष्पादन में अधिकारियों द्वारा अभिरुचि नहीं लेने की बात सामने आइ है। अगर आरटीपीएस के तहत लंबित मामलों की कुंडली खंगाली जाये तो नरकटियागंज पहले और गौनाहा प्रखंड दूसरे स्थान पर है। नरकटियागंज में जहां 704 मामले लंबित है। वहीं गौनाहा मे 388 प्रखंड स्तर पर और 29 मामले अंचल स्तर पर। कमोवेश यहीं हाल लौरिया प्रखंड, अंचल का है। यहां प्रखंड स्तर पर 225 और अंचल स्तर पर 56 मामले लंबित है। जबकि सिकटा और मैनाटाड़ प्रखंडो में 246 तथा 170 जनकल्याणकारी योजनाएं लंबित है। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा चलाये जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की धरातल पर क्या स्थिति है। आम लोगो को विकास व जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सहज और शुलभ तरीके से मिल सके वर्ष 2011 में लोक सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया। लेकिन आज हजारों की संख्या में लंबित पड़े मामले व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है।


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