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नोनियापट्टी में खसरा ने पसारा पांव

बगहा। मधुबनी प्रखंड के मधुआ पंचायत में शुक्रवार को दहवा पीएचसी में पल्स पोलियो अभियान का निरीक्षण कि

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 01:01 AM (IST)
नोनियापट्टी में खसरा ने पसारा पांव

बगहा। मधुबनी प्रखंड के मधुआ पंचायत में शुक्रवार को दहवा पीएचसी में पल्स पोलियो अभियान का निरीक्षण किया गया। विभिन्न गांवों में डोर टू डोर निरीक्षण में नोनियापट्टी गांव में मिजिल्स, खसरा से पीड़ित 15 बच्चों की पहचान की गई। जिसकी सूचना उन्होंने दहवा पीएचसी को दी। मौके पर पहुंचे पीएचसी के प्रभारी सुधांशु वर्मा ने बच्चों को मिजिल्स व खसरा की दवा दी। डब्लूएचओ के एसएमओ डा. सागर घोड़ेकर को दूरभाष पर इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर शुक्रवार की देर शाम डा. सागर घोड़ेकर अपनी टीम के साथ उक्त गांव में पहुंचे और बच्चों का ब्लड का नमूना लिया। इस बावत डा. सागर घोड़ेकर ने बताया कि गांव में महिलाएं इस रोग को चेचक (मईया जी) के रुप में जानती हैं। बच्चों के परिजनों द्वारा इस रोग को घर पर ही अंधविश्वास में घर पर इलाज करने लगती हैं जिससे रोग से पीड़ित बच्चे से स्वास्थ्य लोगों में फैलने लगती है। उन्होंने कहा कि इस शरीर में दाना-दाना निकलना, बच्चों को तेज बुखार आना, सर में चक्कर आना, शरीर में कमजोरी होना आदि इस रोग का लक्षण है। इस रोग का घर पर इलाज न करें इसकी सूचना तुरंत पीएचसी को दें। वहीं पीएचसी प्रभारी डा. वर्मा ने बताया कि किसी बच्चे को अगर तत्काल यह बीमारी होती है तो उसके इलाज में देरी न करें। वहीं उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए गये ब्लड नमूने को जांच के लिए पटना भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगा कि यह रोग किस कारण हुआ है। इस मौके पर एएनएम रजनी कुमारी, किरण कुमारी, संजय कुमार, डा. सुधांशु वर्मा, विशाल कुमार के साथ अन्य लोग उपस्थित रहे।


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