सावधान! ठंड ने दे दी दस्तक, एहतियात जरूरी
बेतिया। मौसम में बदलाव के साथ ठंड ने दस्तक दे दिया है। इसलिए आमलोगों को एहतियात बरतना जरूरी है। खासक
बेतिया। मौसम में बदलाव के साथ ठंड ने दस्तक दे दिया है। इसलिए आमलोगों को एहतियात बरतना जरूरी है। खासकर रहन-सहन व खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आलम यह है कि अपराह्न पांच बजने के साथ ही अंधेरा पसरने लग रहा है। सुबह में भी कुहासा घेरने लगा है। इसका सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ने लगा है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ रही है। उन्हें सुबह में ही तैयार होकर स्कूल जाना पड़ रहा है। कई निजी विद्यालयों में सुबह 7.00 बजे से हीं वर्ग संचालन कर रहे हैं। वहीं लोग ठंढ से बचने के लिए लोग गरम कपड़े की खरीदारी में जुट गये है। ऊनी वस्त्रों की लोग खूब खरीदारी कर रहे है। बाजार में रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर भीड़ लग रही है। खासकर स्वेटर, साल, कंबल, मफलर, टोपी, ऊनी चादर, जैकेट आदि की बिक्री जोरों पर है।
इनसेट
ठंढ में बढ़ी मांस-मछलियों की बिक्री
बेतिया : ठंड के दस्तक को देखते ही बाजारों में मांस मछली व मुर्गा की दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है। लोगों की माने तो ठंड में मांस मछली, अंडा के खाने से ठंड का असर नहीं पड़ता है। यहीं कारण है कि मांसाहारी लोगों की ठंड में इसकी चाहत बढ़ जाती है। महंगाई के बावजूद मांसाहारी लोगों में मांस-मछली खरीदारी में कमी नहीं आयी है। लोकल मछलियां तीन सौ रुपया किलो बिक रही है। जबकि बर्फ वाली मछलियां डेढ़ सौ रुपये किलो बिक रही है। साथ ही मुर्गा का मांस डेढ़ सौ रुपये किलो बिक रहा है। खस्सी का मांस साढ़े तीन सौ रुपये किलो व अंडा छह रुपये प्रति पीस बिक रहा है। फिर भी ग्राहकों की भीड़ दुकानों पर लगी रह रही है।
इनसेट
ठंड से बच्चे व बुजुगरें को बचाएं : डा. अमिताभ
फोटो : 27 बीईटी 20
बेतिया : शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अमिताभ चौधरी के अनुसार ठंड के मौसम में बच्चे व बुजुगरें पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मौसम के बदलाव का असर बच्चों व बुजुर्गो पर अधिक पड़ता है। ऐसे मौसम में छोटे बच्चों और बुजुर्गो में संक्रमण के कारण श्वसन क्रिया में परेशानी होने लगती है। सर्दी खांसी और जुकाम आम बात हो गयी है। सबसे अधिक प्रभाव छोटे-छोटे बच्चों में देखा जा रहा है।
सलाह
--ठंड के प्रभाव से बचनेके लिए यह जरूरी है कि पूरे शरीर को ढंक कर रखे
-- ज्यादा से ज्यादा गर्म कपड़ों का उपयोग करें
-- ताजा भोजन करें, बासी भोजन से परहेज करें
-- नियमित रूप से व्यायाम व योग करें
-- खाना हल्का लें और संभव तो गुनगुना या फिर ताजा पानी समय-समय पर लेते रहे।
-- जब भी कोई शारीरिक परेशानी हो तो टाल-मटोल नहीं करें, फौरन अपने चिकित्सक से मिले।
इनसेट
आलू की फसल को ठंड से बचाव की जरूरत
जासं, बेतिया : अभी जो ठंड की स्थिति है, उसमें आलू को छोड़कर किसी भी फसल के लिए नुकसानदेह नहीं है। किसानों को आलू की फसल को बचाने के लिए खेतों में ज्यादा से ज्यादा सिंचाई उपलब्ध कराने की सलाह दी गई है। जिला कृषि पदाधिकारी ओंकारनाथ सिंह के अनुसार जिले के किसान आलू की खेतों में सिंचाई कम देते हैं, जिससे झुलसा रोग लगने की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने इस रोग से बचने के लिए किसानों को अधिक सिंचाई के साथ-साथ फंगीसाइड का छिड़काव करने की सलाह दी है। इसमें डाईथेन एम -45 का छिड़काव करने की बात बताई गई है। इसमें 2 मिलीग्राम फंगीसाईड को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने की बात बताई गई है।